राजू मंडोरिया ने चौहान को कितनी घूस देकर,मोनिका मंडोरिया की फर्जी मार्कशीट बनवाई गई, मोनिका मंडोरिया ने इस बारे में क्या कहा।

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झाबुआ। (पार्ट-2) Am Live news, breaking, मोनिका के द्वारा बताया गया कि मार्कशीट स्वयं उसके भाई राजू मंडोरिया के द्वारा अपने हाथों से बना कर दी

फर्जी मार्कशीट बनाने वाले मास्टरमाइंड।

गई हैं मार्कशीट पर अंकित हस्ताक्षर प्रधानाध्यापक के है। ऐसा स्वयं प्रधानाध्यापक ने हमारे न्यूज़ ब्यूरो को इंटरव्यू में स्पष्ट कहा गया कि राजू मंडोरिया के द्वारा अपने हैंडराइटिंग में फर्जी मार्कशीट बना कर दी गई उक्त फर्जी मार्कशीट जिस पर अंकित हस्ताक्षर प्रधानाध्यापक के हैं। शासकीय दस्तावेजों में से उक्त दस्तावेज स्वयं प्रधानाध्यापक के द्वारा प्रमाणित प्रतियां भी न्यूज़ ब्यूरो को उपलब्ध कराई गई हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रधानाध्यापक के द्वारा और भी फर्जी मार्कशीट बना कर दी गई है,के आधार पर भी फर्जीवाड़ा किया गया है शासन -प्रशासन को उक्त शिकायत मामले को गंभीरता से लेते हुए सूक्ष्मता से जांच की जाकर तत्काल संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

प्रार्थी के शिकायत आवेदन पर आज दिनांक तक कोई भी जांच अधिकारी नियुक्त क्यों नहीं किया गया, इस बात से संबंधित विभाग की लापरवाही स्पष्ट प्रतीत होती नजर आ रही है कि प्रधानाध्यापक को बचाने में जिला शिक्षा विभाग अमला लगा हुआ है। रविंद्र सिंह सिसोदिया साहब के मुताबिक प्रधानाध्यापक से उक्त शिकायत के संबंधित दस्तावेज चाहे गये परंतु शिकायत के संबंधित दस्तावेज स्कूल रिकॉर्ड से गायब पाये गये, रविंद्र सिंह सिसोदिया के द्वारा उक्त संबंध में पंचनामा बनाकर भी स्कूल से लाया गया। परंतु उक्त संबंध में सिसोदिया साहब का कहना है कि स्कूल में शिकायत के संबंधित रजिस्टर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जांच को कैसे आगे बढ़ाई जाए? शिकायत जांच के संबंधित दस्तावेजों को गबन करने के संबंध में भी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करना चाहिए क्योंकि उक्त शिकायत के संबंधित रजिस्टर प्रधानाध्यापक ने खुद के घर में बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी के जानकारी के बिना अपने निज निवास पर रजिस्टर को जानबूझकर छुपाये रखा है ऐसे में उनके घर की पुलिस द्वारा तलाशी ली जाना चाहिए, दूसरी ओर सिसोदिया साहब के द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि मुझे जांच करने का लिखित में कोई निर्देश नहीं मिला। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर सिसोदिया साहब किन के निर्देश पर उक्त शिकायत की जांच हेतु नियुक्त किये बिना स्कूल पर दस्तावेज की जांच के लिए पहुंच गए जांच में पाया गया कि शासकीय रिकॉर्ड में उक्त रजिस्टर गायक है यदि शासकीय अभिलेखों में शिकायत के संबंध दस्तावेज रिकॉर्ड नहीं होने का पंचनामा बनाकर लाने के बाद भी सिसोदिया के द्वारा आज दिनांक तक वरिष्ठ अधिकारी को उक्त पंचनामे से अवगत क्यों नहीं पंचनामा के संबंधित में अवगत कराये जाने की परिस्थितियों में जिला प्रशासन के द्वारा प्रधानाध्यापक के विरुद्ध आज तक कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई शिकायत के संबंधित समस्त दस्तावेज को पूरी तरह से नष्ट करने का इंतजार किया जा रहा है।

झाबुआ कलेक्टर महोदय से अनुरोध है कि प्रार्थी की शिकायत पर तत्काल उचित कानूनी कार्यवाही की जाए जिससे की शिकायत के संबंधित साक्ष्य, दस्तावेजों से छेड़छाड़ न की जाए। प्रधानाध्यापक को तत्काल अपने प्रशासनिक प्रभाव से उनके पद से हटाया जाए जिससे फर्जी मार्कशीट के संबंधित दस्तावेज सुरक्षित रहे एवं उक्त फर्जीवाडे में लिप्त अधिकारियों,कर्मचारियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई हो सके। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त प्रमाणित जानकारी से यह स्पष्ट हुआ है कि मोनिका मंडोरिया की नियुक्ति पर यथा समय रेलमा पति सूरज अजनार के द्वारा आपत्ति ली गई थी परंतु आपत्ति की सूक्ष्मता से जांच कराते हुए मोनिका के दस्तावेजों की जांच सत्यापन आदि सूक्ष्मता से क्यों नही की गई यह एक जांच का विषय है इस बात से स्पष्ट प्रतीत होता है कि मोनिका मंडोरिया के द्वारा बताई गई बाते सत्य है कि मुझे आज तक उक्त नौकरी पाने के लिए लाखों रुपए लग गये अब मोनिका ही बता सकती है कि आखिर उसने यह नौकरी पाने के लिए किन अधिकारी, कर्मचारियों को लाखों रुपये की घूस किन किन अधिकारी कर्मचारियों को एवं फर्जी मार्कशीट बनाने वाले प्रधानाध्यापक को कितनी घूस देने के बाद फर्जी मार्कशीट पर हस्ताक्षर कर दिए गये है। जिसके कारण आपत्तिकर्ता श्रीमती रेलमा पति अजनार निवासी धामनी चमना को मार्कशीट की वजह से उक्त नियुक्ति हेतु पात्र होने के बाद भी अपात्र घोषित करते हुए हार का सामना करना पड़ता है उक्त फर्जी मार्कशीट बनाने वाले समस्त अधिकारी, कर्मचारीगण की वजह से अपने मौलिक अधिकारों से रेलमा अजनार वंचित रही है, के गुनहगार प्रधानाध्यापक एवं राजू मंडोरिया मोनिका मंडोरिया एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के जांच अधिकारी भी है।

जिला प्रशासन से अपील है कि उक्त संबंध में सक्षम प्राधिकारी को जांच हेतु नियुक्त की जाकर तत्काल संबंधित के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।

Am Live news bureau report Jhabua Madhya Pradesh


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