झाबुआ। Am Live News breaking. मामला है झाबुआ मुख्यालय से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर झाबुआ तहसील का मोनिका मंडोरिया द्वारा में प्राथमिक विद्यालय से रोल नंबर-00 एवं स्कॉलर नंबर-00 से कक्षा परीक्षा उत्तीर्ण की गई थी। स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार-800 पूर्णांक में से -370 प्राप्तांक मोनिका मंडोरिया को आए थे जो की स्कूल रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज हैं। जबकि डुप्लीकेट अंक सूची राजू मंडोरिया के द्वारा तैयार कर 500 प्राप्तांक में से 440 पूर्णांक बताये गये होकर 88 प्रतिशत अंक बता कर प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर से मिली भगत कर फर्जी अंक सूची प्राप्त की गई है। उक्त संबंध में जिला मुख्यालय पर लिखित में शिकायत आवेदन भी प्रस्तुत किया गया। पुलिस थाने पर स्वयं मोनिका के द्वारा अपने कथनों में उक्त फर्जी अंक सूची एवं फर्जी नियुक्ति के संबंध में कथन दर्ज करवाये गये है।

प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक का आरोप राजू मंडोरिया ने बलछल पूर्वक मोनिका मंडोरिया की फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर करवाये गये। प्रधानाध्यापक के मुताबिक राजू मंडोरिया द्वारा मैं एक बड़ा अधिकारी हूं, कहते हुए अधिकारी का रोब दिखाकर प्रधानाध्यापक से दबाव पूर्वक फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर लिये गये हैं, परंतु यहां पर संदेह यह भी होता है कि प्रधानाध्यापक के द्वारा आज दिनांक तक उक्त फर्जी अंकसूची के बारे में किसी भी स्तर से किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को बलछल पूर्वक फर्जी अंक सूची पर यदि प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर लिए गए है तो यथा समय शिकायत प्रेषित क्यों नहीं की गई। इस बात से ऐसा भी प्रतीत होता है कि घूस की बंदरबाट सभी में बाटी गई होगी। राजू की बहन मोनिका पति नॉरबर्ट भूरिया की महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी लगाने के लिए अधिकारी होने का रोब दिखाते हुए प्रधानाध्यापक से फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर लिये गये प्रधानाध्यापक ने न्यूज़ ब्यूरो को इंटरव्यू में यह भी बताया कि राजू मंडोरिया के द्वारा स्वयं अपने हाथों से फर्जी मार्कशीट बनाकर प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर लिये गये है ऐसे में फर्जी अंक सूची में अंकित हैंडराइटिंग की जांच होनी चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि उक्त फर्जी अंकसूची पर अंकित हैं डराइटिंग एवं हस्ताक्षर किन के है। राजू मंडोरिया एवं प्रधानाध्यापक के फर्जी अंक सूची का राज क्या है फर्जी अंक सूची बनाने के पीछे और किन-किन अधिकारी, कर्मचारियों का हाथ है। इस तथ्य की सूक्ष्मता से जांच कर उचित कानूनी कार्यवाही संबंधित के विरुद्ध करना चाहिए। जिससे कि इस प्रकार से फर्जी अंक सूचि के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ में नियुक्तियों के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोका जा सके एवं योग्य एवं जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्ति मिल सके। उक्त गंभीर मामले पर जिला प्रशासन तत्काल सूक्ष्मता से जांच कर उचित कानूनी कार्यवाही करें। संबंधित के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही नही होने की परिस्थितियों में प्रार्थी न्यायालय की शरण जाने को विवश है।

राजू मंडोरिया
न्यूज़ ब्यूरो को प्रधानाध्यापक के द्वारा जानकारी देते हुए यह बताया कि राजू मंडोरिया एवं मोनिका मंडोरिया फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर करवाने हेतु 3-4 बार मेरे पास आए थे। उक्त राजू, एवं मोनिका दोनों ने बलछल पूर्वक फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर लेने के संबंध में प्रधानाध्यापक का कहना है कि मेरे से गलती हो गई मेरे द्वारा फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर कर दिये गये। परंतु उक्त मामले को लेकर प्रधानाध्यापक का कहना है कि राजू मंडोरिया एवं मोनिका मंडोरिया के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा धोखाधड़ी से मुझ से फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर लिए गए है। ऐसे में अब प्रश्न यह भी उठना है कि आखिर प्रधानाध्यापक के द्वारा फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर करने के पूर्व स्कूल रिकॉर्ड रजिस्टर को चेक (जांच) क्यों नहीं किया गया।

मोनिका
मोनिका मंडोरिया के द्वारा फर्जी अंक सूची के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग राणापुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में लगभग वर्ष-2016 से आज तक नौकरी पर कार्यरत है। इस प्रकार से मोनिका द्वारा शासन प्रशासन से गलत तरीके से वेतन प्राप्त किया जाकर शासन प्रशासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। एवं मोनिका के द्वारा इसी फर्जी अंक सूची के आधार पर आगे की पढ़ाई भी की जा रही हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन के वरिष्ठ जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी की आंखों में धूल झोंकने वाले आरोपियों के विरुद्ध सूक्ष्मता से जांच की जाकर उचित कानूनी कार्रवाई तत्काल की जाना चाहिए चूंकि-राजू मंडोरिया ने उसकी बहन मोनिका को धोखाधड़ी से फर्जी अंक सूची के आधार पर गलत तरीके से रिश्वत दे कर नौकरी दिलाई गई हैं। उक्त कार्यकर्ता पद के असली हकदार कोई अन्य प्रार्थिया का वैधानिक अधिकार था जिनकी योग्यता मेरिट लिस्ट के आधार पर बन रही थी। जिससे घूस देकर बलछल से प्रधानाध्यापक की मेहरबानी से राजू मंडोरिया ने उनकी बहन मोनिका के लिए छीन लिया गया है।
मोनिका द्वारा स्वयं कहा जाता है कि मैं उक्त नौकरी पाने के लिए लाखों रुपए की घूस आज तक दे चुकी हूं, इस बात से भी यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि मोनिका के द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारीगण को घूस देकर फर्जी अंक सूची के आधार पर गलत तरीके से नौकरी हासिल की गई हैं। उक्त समस्त तथ्यों की जांच होना चाहिए।
अब यहां पर प्रश्न यह भी उठना है कि प्रधानाध्यापक द्वारा फर्जी अंक सूची पर हस्ताक्षर करना छल कहे या किसी को निजी फायदा पहुंचाने के लिए घूस लेकर जानबूझकर की गई चालाकी कहे।
अगले अंक में हम उक्त फर्जी अंक सूची तैयार करने वाले मास्टरमाइंड प्रधानाध्यापक,एवं राजू मंडोरिया, मोनिका मंडोरिया आदि का पर्दाफाश करेंगे।
झाबुआ से ए.एम.लाइव ब्यूरो रिपोर्ट