राणापुर रोड झाबुआ में स्थित झाबुआ ढाबा नाम से संचालित भोजनालय को अपना कार्यालय बता कर अशिक्षित गरीब ग्रामीणजन से बजाज फाइनेंस रिकवरी एजेंट के नाम पर करता है अवैध वसूली।

पीड़ित पक्ष का कहना है कि संबंधित के द्वारा झाबुआ ढाबा को ओम शांति कलेक्शन बजाज, का कार्यालय बताया जाता है ऐसे में जांच में कई राज कमलेश दुबे के विरुद्ध की गई शिकायत जांच में सामने आ सकते हैं।

झाबुआ। पीड़ित ग्राहक कमता पिता अनसिंग डामोर निवासी झाबुआ जिला मुख्यालय से लगभग सात-आठ किलोमीटर दूर ग्राम फुटिया निवासी द्वारा बजाज छाजेड ऑटोमोबाइल झाबुआ से बजाज कंपनी की मोटरसाइकिल पल्सर ब्लैक रेड रजिस्ट्रेशन क्रमांक एमपी 45 एमपी 7805 की बाइक कमता डामोर के नाम से खरीदी गई थी। यह बाइक बजाज फाइनेंस कंपनी द्वारा फाइनेंस की गई थी। ओम शांति कलेक्शन बजाज,के मुख्य संचालक रोहित दुबे का भाई है कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे। यह दोनों भाई अंजड जिला बड़वानी के निवासी बताते हैं। सूत्र बताते हैं कि कमलेश दुबे को उनके असली नाम से झाबुआ जिले में कोई नहीं जानता है वह अपना नाम कार्तिक दुबे बताते है कार्तिक दुबे नाम से बता कर झाबुआ जिले भर में कई ग्राहक को इस प्रकार से ठगी का शिकार बनाया है सूत्रों की माने तो कई लोगों से वह अवैध रूप से बजाज फाइनेंस रिकवरी के नाम पर लोगों को चूना लगा चुका है। ए.एम लाइव न्यूज़ ब्यूरो के पास कमलेश दुबे के खिलाफ कई पीड़ित लोगों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए अपनी पीड़ा बताते हुए कई साक्षी दस्तावेज आदि मुहैया कराया गए हैं जिनके आधार पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करते हुए पीड़ित पक्ष को पुलिस प्रशासन न्याय दे सकती है।

झाबुआ क्षेत्र के एक अन्य पीड़ित का कहना है कि उन्हें भी उक्त राणापुर रोड पर झाबुआ ढाबा नाम से संचालित ढाबा पर कार्यालय बताते हुए कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे के द्वारा बुलाया कर रु 70000/- सत्तर हजार रुपए कैश एवं शराब आदि के लिए लगभग ₹3000 तीन हजार कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे के द्वारा लिए गए उक्त पीड़ित के द्वारा बताया जाता है कि कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे के द्वारा झाबुआ उनके साथ आए उनके मित्रो के लिए भी ढाबा पर बिरयानी अंडा करी शराब आदि आर्डर किया जाता एवं पीड़ित ग्राहक से उसका बिल का भुगतान करवाया जाता है। पेमेंट नहीं देने पर कमलेश दुबे द्वारा धौंस धमकी दी जाती है कि मैं तुम्हारी गाड़ी को ले जाऊंगा और अपने पास रख लूंगा तुम्हारी जमा राशि एवं गाड़ी कभी भी तुम्हें वापस नहीं मिलेगी। इस प्रकार से धौंस धमकी देते हुए शराब के नशे में धुत होकर अपशब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। उक्त घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे के विरुद्ध की गई लिखित शिकायत किसी भी प्रकार का झूठ या फरेब या षड्यंत्र नहीं बल्कि सत्य प्रतीत होती है। क्योंकि एक व्यक्ति किसी के बहकावे में आ कर षडयंत्र पूर्वक झूठी शिकायत कर सकता है। परंतु यहां पर कमलेश दुबे के खिलाफ कई लोग अपनी पीड़ा के साथ साक्ष्य प्रस्तुत कर रहे है। जिला प्रशासन को इस और विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि उक्त फाइनेंस कंपनियों के कारण गरीब आदिवासी जनता को बलछल पूर्वक लूटा जा रहा है एवं जानबूझकर उनका सिविल भी खराब किया जा रहा है जिसके कारण उन्हें किसी अन्य कंपनी या बैंक से किसी भी प्रकार का लोन या लेनदेन करने में भी दुविधा आ सकती है। क्योंकि संबंधित के द्वारा बजाज फाइनेंस की बकाई राशि ब्याज सहित उक्त रिकवरी एजेंट के द्वारा ग्राहक से वसूली कर ली जाती है परंतु बजाज फाइनेंस कंपनी को उक्त राशि का भुगतान समय पर नहीं किए जाने से ग्राहक का सिविल खराब हो जाता है। जिसका हर्जाना गरीब अशिक्षित ग्रामीण आदिवासी को भुगतना पड़ता है। कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे अनुसार ऑनलाइन जमा करवाई गई राशि के संबंध में उनके द्वारा उक्त संबंध में व्हाट्सएप कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कर पाये।

कल शिकायतकर्ता को बुलाएंगे अभी शिकायत की जांच किन के पास है देखना पड़ेगा फुटिया बिट प्रभारी से चर्चा कर संबंधित के विरुद्ध कायमी कर दी जाएगी। आखरी यही रास्ता है यदि उसने अवैध वसूली की गई है। सरदार सिंह, ड्यूटी ऑफिसर कोतवाली पुलिस थाना झाबुआ।
कमलेश और कार्तिक दुबे के द्वारा स्वयं जानकारी दी गई है मेरे द्वारा पीड़ित पक्ष से लगभग रु.78000/- अठोत्तर हजार रूपये कैश लिए गए थे परंतु मेरे द्वारा रु 20000/- बीस हजार की रसीद भी कटवा दी गई। एवं एक अन्य पार्टी के संबंध में भी कमलेश दुबे के द्वारा स्वयं बताया गया कि उनसे रु.70000 सत्तर हजार रुपए पेमेंट लिया उसका मैंने रसीद कटवा दी गई है। कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे ओम शांति कलेक्शन बजाज, बजाज फाइनेंस रिकवरी एजेंट,अंजड जिला बड़वानी।

परंतु संबंधित फाइनेंस कंपनी के द्वारा आरोपी के खिलाफ किसी भी प्रकार से वैधानिक कार्रवाई करते हुए पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने हेतु आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया इससे यह प्रतीत होता है कि कमलेश दुबे को बजाज फाइनेंस कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी उक्त अवैध वसूली में शामिल होना प्रतीत हो कर कमलेश दुबे को कानूनी कार्यवाही से बचाया जा रहा है।
उक्त परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस अधीक्षक झाबुआ एवं पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारी को इस शिकायत की जांच को सक्षम अधिकारी द्वारा सूक्ष्मता से की जा कर पीड़ित पक्ष को उचित न्याय देते हुए संबंधित के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाना चाहिए। पुलिस प्रशासन के द्वारा समय पर उचित कानूनी कार्रवाई किए जाने से किसी अन्य अशिक्षित आदिवासी धोखाधड़ी का शिकार होने से बच जाएगा।
ओम शांति कलेक्शन बजाज रिकवरी एजेंट कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे के द्वारा यह भी कहा जाता है कि झाबुआ जिले में मेरी पुलिस मुख्यालय पर कई पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों से जान पहचान है जब मेरे पास पुलिस आएगी तो मैं उन्हें रु.5000-5000 पांच हजार रुपए की रिश्वत दे दूंगा तो मेरा काम हो जाएगा परंतु मैं पीड़ित ग्राहक को वापस पैसा नहीं लौटाऊंगा चाहे कुछ भी हो जाए उक्त जानकारी हमें सूत्रों से प्राप्त हुई है। ऐसे में पुलिस कप्तान (पुलिस प्रशासन) को यह भी जांच करना चाहिए कि ऐसे धूर्त व्यक्ति की मदद करने वाले वह पुलिस अधिकारी, कर्मचारी आखिर कौन है जो अपने नैतिक कर्तव्य को भूल कर कमलेश उर्फ कार्तिक दुबे की सहायता करते हैं।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि एक दिन सभी पीड़ित पक्ष आदिवासी इकठ्ठे हो कर जिला मुख्यालय पर संबंधित के विरुद्ध ज्ञापन देते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे। उसके बाद भी शासन प्रशासन संबंध के विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करते है तो उक्त परिस्थितियों में सभी पीड़ित आदिवासी पक्ष उचित न्याय हेतु माननीय न्यायालय की शरण समुचित न्याय पाने की उम्मीद में जा सकते हैं।
Am Live News Bureau report Jhabua Madhya Pradesh