कटनी । दिव्यांगजनों को अवसर और सुविधायें मुहैया कराना सबकी जिम्मेदारी – संदीप रजक ◾️आयुक्त निःशक्तजन भोपाल ने ली अधिकारियों की बैठक।

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जिला कटनी मप्र
◾️दिव्यांगजनों को अवसर और सुविधायें मुहैया कराना सबकी जिम्मेदारी – संदीप रजक
◾️आयुक्त निःशक्तजन भोपाल ने ली अधिकारियों की बैठक

बैठक की फोटो

आयुक्त निःशक्तजन श्री संदीप रजक ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांगजनों को समान अवसर और सुविधायें मुहैया कराना सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी विभाग प्रमुख दिव्यांगजनों के लिये शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों में एवं उनकी सुविधाओं, अधिकारों के प्रति सचेत रहकर लाभान्वित करने के प्रयास करें। आयुक्त निःशक्तजन श्री रजक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के विभिन्न अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गौरव पुष्प, उपायुक्त नगर निगम अशफाक परवेज कुरैशी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी नयन सिंह, परियोजना अधिकारी शहरी अभिकरण अभय मिश्रा, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एम0डी0 मिश्रा, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण हरिसिंह ठाकुर, आरईएस ईई एम0एस0 ठाकुर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 आर0बी0 सिंह, सिविल सर्जन डॉ0 यशवंत वर्मा, सहायक संचालनक उद्योग ज्योति गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
आयुक्त निःशक्जन श्री रजक ने जिला विकलांग पुर्नवास केन्द्र की गतिविधियों, यूडीआईडी कार्ड, सामाजिक सुरक्षा की पेंशन योजनायें, दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण, शासकीय योजनाओं के तहत लाभ, सार्वजनिक और शासकीय भवनों में रैम्प निर्माण, एसडब्ल्यूएसएन छात्रावास आदि बिन्दुओं पर सघन समीक्षा की। उन्होने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत शासन की ओर से विभिन्न विभागों की परियोजनाओं और कार्यक्रमों में सुविधा प्रदान की गई है। दिव्यांगजनों को दिये गये इन अधिकारों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि अधिनियम के तहत सभी शासकीय, अशासकीय, सार्वजनिक भवनों में बाधा रहित आवागमन के लिये रैम्प का निर्माण अनिवार्य किया गया है। नगर निगम संबंधितों को भवन निर्माण अनुज्ञा और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करते समय भवनों में रैम्प के निर्माण की स्थिति का परीक्षण अवश्य करें। उन्होने कहा कि जिला विकलांग पुर्नवास कार्यालय में रिक्त 5 पदों की वेकेन्सी निकालकर शीघ्र पूर्ति की जाये और नया भवन बनने तक किसी सुव्यवस्थित भवन में जिला विकलांग पुर्नवास केन्द्र का कार्यालय जिला अस्पताल से अन्यत्र शिफ्ट करें।
आयुक्त निःशक्तजन ने कहा कि पुराने भवनों में एक्ट लागू होने के 5 वर्ष के भीतर रैम्प का निर्माण कर लिया जाना जरुरी है। शॉपिंग मॉल या सार्वजनिक महत्व के अशासकीय भवनों में रैम्प का निर्माण नहीं किये जाने पर नगर निगम उन्हें नोटिस जारी करें।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि शासकीय और प्राईवेट बसों में दिव्यांगजनों के लिये प्रवेश द्वार के सामने परिचालक के पीछे की पांच सीटें रिजर्व रखी जा रही हैं। इसी प्रकार प्राईवेट बसों में भी दिव्यांगजनों को यात्रा के दौरान किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। आयुक्त निःशक्तजन ने कहा कि यात्री बसों में इस आशय की सूचना भी प्रदर्शित करायें तथा नई बसों को परमिट जारी करते समय बस में चढ़ने के लिये दिव्यांगजनों के रैम्प की व्यवस्था का परीक्षण भी करें। उप संचालक सामाजिक न्याय गौरव पुष्प ने बताया कि जिले में दिव्यांगजनों के 15 हजार 970 यूडीआईडी कार्ड बन चुके हैं। जो कि 97 प्रतिशत उपलब्धि है। 1897 आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं। आयुक्त निःशक्तजन ने बताया कि 21 प्रकार की निःशक्तता को दिव्यांग माना गया है। इस आधार पर रिजेक्ट आवेदनों का परीक्षण एक बार पुनः कर लेवें। जिले में 88 हजार 895 व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में प्रतिमाह 5 करोड़ 33 लाख 35 हजार 800 रुपये की पेंशन राशि दिये जाने की जानकारी बैठक में दी गई। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में 416 दिव्यांगजनों के आवेदन में पात्रता अनुसार 274 दिव्यांगजनों को 274 मोटराईज्ड ट्रायसाईकल स्वीकृत की गई है। आयुक्त निःशक्तजन ने एक सप्ताह के भीतर सभी संबंधितों को ट्रायसाईकल बांटने के निर्देश दिये। आयुक्त निःशक्तजन ने सर्व शिक्षा अभियान, सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास, किशोरी बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी प्रशिक्षण, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में कच्चा अनाज और पकाने की राशि का छात्रों को वितरण आदि बिन्दुओं पर समीक्षा की।

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