निशा मेहरा सहायक आयुक्त, के निर्देश का जामसिंह अमलियार लेखपाल द्वारा सरे आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। लेखपाल के विरुद्ध उक्त कृत्य की लिखित शिकायत वरिष्ठ को प्रस्तुत करने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी मौन।
जामसिंह अमलीयार लेखपाल के के द्वारा सिविल सेवा नियम के विरुद्ध इस प्रकार के कृत्य से स्पष्ट प्रतीत होता है कि निशा मेहरा, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश का पालन लेखापाल और लोक सूचना प्रभारी द्वारा जानबूझकर नहीं किया जा कर अपनी मनमानी करना स्पष्ट प्रतीत हो रहा है।
मामला दरअसल सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत प्रार्थी के द्वारा विधिवत जानकारी चाही गई थी। आवेदक के अभ्यावेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए निशा मेहरा, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ द्वारा जामसिंह अमलियार लेखपाल एवं लोक सूचना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि- आपकी स्थापना 03 शिकायत शाखा से संबंधित आवेदक श्री अल्बर्ट मंडोरिया चीफ़ इन एडिटर, द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 की धारा (6) (1) अंतर्गत चाही गई जानकारी एवं दस्तावेज की प्रमाणित छाया प्रति निर्धारित समयावधि के पूर्व उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा की गई कार्यवाही से संबंधित योजना-राहत आईटीआई अतिरिक्त कार्य शाखा को भी अवगत कराएंगे तद्संबंध में आपको पृथक से स्मरण पत्र जारी नहीं किया जायेगा।
जामसिंह अमलीयर द्वारा पत्र के परिपालन में लोक सूचना प्रभारी को चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराते हुए उक्त चाही गई जानकारी यह कहते हुए स्पष्ट इनकार कर दिया गया कि उक्त जानकारी मेरे पास उपलब्ध नहीं है कहते हुए जानकारी देने से स्पष्ट इनकार कर दिया गया। इस प्रकार से जामसिंह अमलियार एवं लोक सूचना प्रभारी के द्वारा प्रार्थी को उक्त जानकारी नहीं देते हुए जानबूझकर गुमराह किया जा रहा है।
जाम सिंह अमलियार लेखपाल के उक्त कृत्य ऐसा प्रतीत होता है कि चाही गई जानकारी में कोई राज छुपा हुआ है जिसे उजागर होने के डर से जामसिंह अमलियार लेखपाल एवं लोक सूचना प्रभारी द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है जिसके कारण प्रार्थी को सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं हो पाए।
दरअसल प्रार्थी द्वारा चाही गई जानकारी में मोनिका मंडोरिया एवं राजू पिता अंदरू मंडोरिया सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन सस्पेंड अधिकारी द्वारा प्राथमिक विद्यालय पिपलिया के सुरेंद्रसिंह चौहान तत्कालीन प्रधानाध्यापक की मिली भगत से हस्ताक्षर द्वारा डुप्लीकेट अंकसूची तैयार कर मोनिका मंडोरिया को महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के एकीकृत बाल विकास परियोजना राणापुर के अंतर्गत ग्राम चमना धामनी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर नियम के विरुद्ध राजू मंडोरिया ने अपने प्रशासनिक लोक सेवक होने का दुरुपयोग करते हुए नियुक्ति दिलाई गई थी उक्त डुप्लीकेट मार्कशीट शिकायत जांच में अवैध रूप से अर्जित किया जाना सिद्धि पाते हुए मोनिका मंडोरिया को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद से बर्खास्त किया गया। एवं सुरेंद्र सिंह चौहान प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया प्रार्थी के द्वारा उक्त शिकायत जांच प्रतिवेदन एवं निलंबन आदेश आदि जानकारी प्रमाणित प्रतिलिपि चाही गई थी।
जामसिंह अमलियार लेखपाल के उक्त कृत्य से ऐसा प्रतीत होता है कि लेखापाल के द्वारा आरोपीगण में मोनिका मंडोरिया राजू पिता अंदरू मंडोरिया फर्जी मार्कशीट बनाने के मुख्य मास्टरमाइंड को शिकायत जांच में संरक्षण दिया जाना प्रतीत हो रहा है। ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन को तत्काल उक्त तथ्य की वरिष्ठ अधिकारी से सूक्ष्मता से जांच के लिए निर्देशित करते हुई चाही गई जानकारी यथासमय उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए।
अगले अंक में हम पूर्ण तथ्यों के साथ फिर लौटेंगे आखिर जामसिंह अमलियार लेखपाल एवं लोक सूचना प्रभारी के द्वारा चाही गई जानकारी प्रमाणित प्रतिलिपि नहीं देने के पीछे क्या राज छुपा है!?!