धार किले एवं छतरियों का होगा कायाकल्प
जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद की बैठक में हुआ तय
धार का किला पुरातात्विक ऐतिहासिक एवं सौंदर्य का अप्रतिम उदाहरण है, किंतु सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के अभाव में अपेक्षा का शिकार हो रहा है। इस प्रकार समृद्ध विरासत को समेटे हुए पंवार वंश की छत्रियों तक भी पर्यटक नहीं पहुॅचते है। Collector Dhar आलोक कुमार सिंह ने इन उपेक्षित स्मारकों की सुध लेते हुए धार किला एवं छत्रियों के सौंदर्यीकरण का बीड़ा उठाया है। श्री सिंह ने बताया कि धार के ऐतिहासिक किले में पहुॅच मार्ग व्यवस्थित कर आकर्षक बगीचा एवं न्यू पाइंट विकसित किए जाएंगे। साथ ही किले में पाथ वे, गार्डन तथा खान-पान के स्टाल भी बनाए जायेगे। इससे धार शहर के निवासियों एवं पर्यटकों को एक सुविधायुक्त पर्यटक स्थल मिल सकेगा। इसी प्रकार छत्रियों के सौंदर्यीकरण एवं अन्य सुविधाओं हेतु भी विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देष कलेक्टर श्री सिंह द्वारा दिए गए।
जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद की बैठक में कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जिले के प्रसिद्ध लोक गायक आनंदीलाल भावेल को जिला पर्यटन का ब्रांड एम्बेसेडर बनाने की भी घोषणा की गई। श्री सिंह ने बताया कि जिले में आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाए है जिन पर निंरतर कार्य किया जा रहा है। इसी तारतम्य में केंद्र शासन द्वारा आदिवासी बालक-बालिकाओं के लिए स्वीकृत नृत्य, कला एवं सांस्कृतिक गतिविधि को मांडव में स्थापित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने आदिवासी संस्कृति पर आधारित पर्यटन एवं माण्डव में वर्षभर साहसिक गतिविधियाॅ आयोजित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी सदस्यों द्वारा सराहा गया। श्री सिंह ने जिले में प्रस्तावित फैशन एंड क्राफ्ट इंस्ट्रटीयूट हेतु उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धार को दिए गए।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत संतोष वर्मा ने बताया कि माण्डव में फासिल्स पार्क के साथ-साथ अन्य स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। जिससे मांडव में वर्षभर पर्यटक आंनदित हो सके। साथ ही मांडव स्थित एनआरएलएम केंद्र में आदिवासी महिलाओं को लोक षिल्प का प्रशिक्षण शीघ्र प्रारंभ किए जाने की जानकारी प्रदान की गई। बैठक में राज्य पुरातत्व एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
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