राजू पिता अंदरू मंडोरिया सहायक आयुक्त,वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन,का अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार,व अरविंद मंडोरिया को झूठे मर्डर केस में फसाने का पर्दा फाश। पुलिस जांच एवं पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ अन्नू बाई मंडोरिया की हार्ट अटैक से हुई मौत।

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झाबुआ। Am live news.राजू मंडोरिया द्वारा, मुन्ना पिता विषया गणावा भगत, विनोद पिता जेरू मंडोरिया, प्रकाश पिता गब्बू मंडोरिया,रमेश पिता जेता भूरिया सभी निवासी ग्राम पंचायत नरवालिया आदि को रूपये देकर झूठी मर्डर की शिकायत में फर्जी बयान दिलवाये।

झाबुआ। राजू पिता अंदरू मंडोरिया सहायक आयुक्त,वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन,ने खुद की मां अन्नू बाई की हार्ट अटैक से हुई मौत को षडयंत्र पूर्वक झूठे गवाह बना कर 1.मुन्ना सिंह पिता वेषिया गणावा भगत 2.रमेश पिता जेता भूरिया 3.विनोद पिता जेरू मंडोरिया 4.प्रकाश पिता गब्बू मंडोरिया आदि को राजू मंडोरिया सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन, उच्च प्रशासनिक लोक सेवक पद पर होने के बाद भी इस प्रकार के घिनौना षड्यंत्र रचते हुए उनकी मां अन्नू बाई का हार्ट अटैक से हुई मौत को झूठे गवाह को पैसे देकर मर्डर बताते हुए,अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार, एवं अरविंद पिता जेरू मंडोरिया, फ्रांसिस मंडोरिया, सुनील मंडोरिया,आदि को राजू मंडोरिया के द्वारा विद्युत ट्रांसफार्मर उनके घर के पास उनकी मनमर्जी से नही लगाने को लेकर क्रोधित हो कर पहले अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार झूठे आरोप में फसाने की कोशिश नाकाम रही उस से व्यथित हो कर झूठे मर्डर केस में फसाने का षड्यंत्र रचा था।

पुलिस जांच एवं डॉक्टर की पोस्टमार्टम में स्पष्ट उल्लेखित किया गया है कि राजू पिता अंदरू मंडोरिया की मां अन्नू बाई मंडोरिया की हार्ट अटैक से मौत हुई है। मृतका अन्नू बाई मंडोरिया पूर्व से हार्ट पेशेंट थी सूत्र बताते हैं कि मृतका को कुछ दिन से हार्ट में दर्द हो रहा था परंतु राजू मंडोरिया के द्वारा समय पर इलाज नहीं करवाए जाने के कारण उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई।

राजू मंडोरिया ने झूठे केस में फसाने का षड्यंत्र रचते हुए 1.अल्बर्ट मंडोरिया,संभागीय ब्यूरो, संभाग पोस्ट समाचार के पत्रकार, एवं 2.अरविंद मंडोरिया, 3.सुनील मंडोरिया, 4.फ्रांसिस मंडोरिया,को राजू मंडोरिया मास्टरमाइंड की लिस्ट में उपरोक्त सभी नाम सामने आये। झूठे मर्डर केस की शिकायत के बाद राजू मंडोरिया के इशारे पर ब्लैकमेल करने के इरादे से अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को मोबाइल फोन पर उक्त झूठे मर्डर को लेकर पुलिस थाने पर मर्डर केस दर्ज कराने की धमकी भी दी गई थी।

उपरोक्त मामले को लेकर अल्बर्ट मंडोरिया,अरविंद मंडोरिया,फ्रांसिस मंडोरिया, सुनील मंडोरिया,समस्त पीड़ित पक्ष ने यथा समय पुलिस चौकी अंतरवेलिया में स्वयं उपस्थित हो कर लिखित शिकायत आवेदन मुकेश वर्मा चौकी प्रभारी अंतरवेलिया को प्रस्तुत किया गया था कि राजू मंडोरिया के द्वारा जानबूझकर झूठे मर्डर केस में फसाने का षड्यंत्र रचा गया है। आवेदन में यह भी स्पष्ट उल्लेख किया गया कि राजू मंडोरिया के द्वारा आए दिन शराब के नशे में धूर्त हो कर उनके माता-पिता के साथ मारपीट कर धौंस धमकी दी जाती है। कई बार ऐसा भी हुआ कि राजू मंडोरिया के द्वारा उनके पिता अंदरू मंडोरिया के साथ मारपीट करने के कारण मध्य रात्रि में अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के घर पर भाग कर अपनी जान बचा कर उन्होंने रात्रि विश्राम अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के घर पर किया। ऐसे में राजू मंडोरिया स्वयं अपने माता पिता को हानि भी पहुंचा सकता हैं। परंतु उक्त शिकायत की जांच पुलिस द्वारा आज तक नहीं की गई। मुकेश वर्मा चौकी प्रभारी,के द्वारा कहा था कि तुम्हारे खिलाफ राजू मंडोरिया व ग्रामीण जन ने लिखित आवेदन दिया है। एवं अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के द्वारा शिकायत के संबंध में पूछे जाने पर बताया गया कि आपका शिकायत में नाम नही है आप क्यों परेशान हो रहे, परंतु जांच अधिकारी के द्वारा जांच प्रतिवेदन में अब लिखा जा रहा है कि संबंधित के द्वारा मृतका अन्नू मंडोरिया के झूठे मर्डर की शिकायत लिखित में नहीं दी गई थी। आखिर वह लिखित शिकायत आवेदन पुलिस जांच अधिकारी के द्वारा क्यों छुपाई जा रही। उक्त संबंध में प्रार्थीगण ने स्वतंत्र रूप से संभाग पोस्ट समाचार को अपनी व्यथा बताते हुए जानकारी दी गई है कि राजू मंडोरिया के द्वारा उन्हें झूठे मर्डर केस में दुर्भावना वश जानबूझकर फसाने का षड्यंत्र रचा था। उक्त संबंध में पुलिस प्रशासन के द्वारा उचित जांच की जाना चाहिए।

राजू मंडोरिया द्वारा षडयंत्र पूर्वक किये गये उक्त घिनौने कृत्य के कारण अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं उनके साथीगण को मानसिक एवं आर्थिक रूप से जाति समाज में जानबूझकर प्रताड़ित किया गया।

पुलिस अनुभाग,अनुविभागीय अधिकारी पेटलावद से सूचना के अधिकार में प्राप्त जानकारी से झूठे साक्षीगण के नाम सामने आने पर अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के द्वारा मुन्ना सिंह पिता वेषिया गणावा भगत, निवासी ग्राम पंचायत नरवालिया के प्रमाणित कथन के संबंध में बात करने पर मुन्ना सिंह गणावा ने बताया गया कि उक्त शिकायत जांच कथन के बारे में मुझे पता नही है मेरे द्वारा पुलिस को मृतका अन्नू मंडोरिया के झूठे मर्डर केस में किसी प्रकार से पुलिस को बयान नही दिए है।
आप जहां बोलेंगे वहां में आ कर स्वतंत्र रूप से इस संबंध में अपने कथन दर्ज कराऊंगा की मेरे द्वारा किसी प्रकार के झूठे मर्डर केस के संबंध में कोई बयान दर्ज नहीं करवाये गये हैं,अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार आदि को राजू मंडोरिया के घर पर घटना के वक्त मैंने नहीं देखा गया क्योंकि मेरा घर राजू मंडोरिया के घर से काफी दूर है। इस प्रकार से कथनकर्ता ने स्पष्ट पुलिस को बयान देने से इनकार किया जा रहा है कि मेरे द्वारा मृतका अन्नू पति अंदरु मंडोरिया की हार्ट अटैक से हुई मौत के संबंध में झूठे मर्डर केस में कोई बयान नहीं दर्ज करवाया गये हैं।
अब पुलिस द्वारा प्रमाणित दिये दस्तावेज बयान पर गवाह, मुन्ना सिंह,पिता विषया गणावा भगत, आदि के कथनो पर हस्ताक्षर अंकित नहीं है इस से यह भी स्पष्ट प्रतीत होता है कि उक्त फर्जी कथन अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं अन्य साथीगण को झूठे मर्डर केस में फसाने का षड्यंत्र रचा था। इस प्रकार यदि किसी को षडयंत्र पूर्वक झूठे मर्डर केस में फंसा दिया जाए तो किसी भी व्यक्ति का जीवन बर्बाद होने के साथ ही साथ उसका संपूर्ण परिवार के जीवन पर विपरित प्रभाव होने से बर्बाद हो सकता हैं।
मोनिका पति नॉरबर्ट भूरिया, राजू मंडोरिया की सगी बहन के द्वारा बताया गया कि राजू मंडोरिया के द्वारा जानबूझकर झूठे मर्डर केस की शिकायत की गई वह हमारे परिवार में किसी की बात नही मानता हैं। खुद मनमर्जी करता रहता है। जिसके कारण संपूर्ण परिवार परेशानी में है। मोनिका भूरिया के द्वारा एक शपथ पत्र देते हुए यह भी कहा गया कि राजू मंडोरिया के द्वारा अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को झूठे केस में फसाने के लिए पुलिस के दबाव में झूठे बयान दर्ज कराये गये है।

उपरोक्त षडयंत्र पूर्वक रचे गये झूठे मर्डर केस की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ एवं जिला प्रशासन से हम अपील करते हैं कि उक्त संबंध में सूक्ष्मता से जांच की जा कर उक्त राजू मंडोरिया झूठे मर्डर केस के मास्टरमाइंड के साथ षड्यंत्र में शामिल व बयान देने वाले समस्त गवाह के विरुद्ध भी उचित जांच कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। ताकि भविष्य में इस प्रकार से झूठे साक्ष्य बयान किसी अन्य पत्रकार या आमजन के विरुद्ध प्रस्तुत कर उनकी छवि को धूमिल न किया जा सके एवं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर किसी प्रकार का प्रश्न चिन्ह उत्पन्न न हों जिससे आमजन एवं पुलिस प्रशासन के बीच में सदैव विश्वास बना रहे।

मुकेश वर्मा चौकी प्रभारी, अंतरवेलिया शिकायत जांच अधिकारी,
इनका कहना है कि मेरे द्वारा किसी प्रकार के कथन खुद बना कर नहीं लिखे हैं सभी ने स्वयं अपने कथन दर्ज करवाये हैं कथन में यदि किसी के हस्ताक्षर नहीं है तो छूट गये होंगे। मैं भी इंसान हु मेरे से भी गलती हो सकती है।

झाबुआ से अल्बर्ट मंडोरिया,ए.एम लाइव न्यूज़, चीफ इन एडिटर।


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