झाबुआ। Am Live news. मामला झाबुआ मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूरी का है।
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गांव में विधायक निधि से विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत होकर ग्राम पंचायत नरवालिया में स्थापित किया जाना जिला प्रशासन के द्वारा सुनिश्चित किया गया था।
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विद्युत ट्रांसफार्मर को गलत स्थान पर लगाए जाने की शिकायत भी राजू मंडोरिया के अभिरक्षा में उनके सगे भतीजे जॉय पिता विजय मंडोरिया अनुज पिता विजय मंडोरिया, एवं राजू मंडोरिया के पिता अंदरू आदि ग्रामीणजन के द्वारा स्वयं जिला मुख्यालय झाबुआ उपस्थित होकर स्वतंत्र रूप से विद्युत ट्रांसफार्मर को लेकर शपथ पत्र देते हुए, झाबुआ कलेक्टर को समक्ष में जॉय मंडोरिया के द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त शिकायत आवेदन के आधार पर जिला प्रशासन के द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए गलत स्थान पर लगाये गए विद्युत ट्रांसफार्मर को हटवाते हुए सुनिश्चित किए गए स्थान पर पुनः लगाने के निर्देश दिए गए थे। राजू मंडोरिया चाहते थे कि विद्युत ट्रांसफार्मर उसके घर के समिप लगाया जाए ताकि विद्युत ट्रांसफार्मर के बहाने उसके घर तक आने का रास्ता पक्का बन सके। क्योंकि राजू मंडोरिया को उनकी फोर व्हीलर वाहन घर तक लाने में पड़ोसियों के खेत में होकर लाना पड़ता था खेतो मे फसल होने पर कई बार वाद विवाद की परिस्थितियों बन जाती थी।
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राजू मंडोरिया कमर्शियल अधिकारी वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन को जब मालूम हुआ कि सर्व सहमति से विद्युत ट्रांसफार्मर उसके घर से दूर लगाया जा रहा है तो उसने षडयंत्र पूर्वक अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार की छवि को जानबूझकर धूमिल करते हुए षडयंत्र पूर्वक झूठे आरोपों में फंसाने का मास्टर प्लान तैयार किया गया। झूठे आरोपों में फंसाने का षड्यंत्र रचने का कॉल रिकॉर्डिंग ऑडियो भी जॉय मंडोरिया ने राजू मंडोरिया के मोबाइल से निकालकर दी गई थी। उक्त कॉल डिटेल्स रिकॉर्डिंग आदि के संबंध में अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के द्वारा पुलिस अधीक्षक को मय साक्ष्य दस्तावेज शिकायत भी दी गई थी। राजू मंडोरिया के उक्त धूर्त इरादों की पोल राजू मंडोरिया के मोबाइल से मिली कॉल रिकॉर्डिंग से खुली तब ग्रामीण जनों के सामने अपने आप को सही साबित करने के लिए।
उसने फिर से अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं अल्बर्ट का साथ देने वाले लोगों को लगातार षडयंत्र पूर्वक झूठे आरोपों में फंसाने के लिए षड्यंत्र रचता गया। राजू मंडोरिया द्वारा पुलिस मुख्यालय पर अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के विरुद्ध स्वयं राजू के द्वारा कई झूठी शिकायते दी गई व पैसे देकर दूसरों से भी झूठी शिकायतें करवाई गई।
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अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को किसी भी प्रकार के झूठे षड्यंत्र में फसाने में राजू मंडोरिया असफल रहा परंतु उनके धूर्त इरादे लगातार अल्बर्ट मंडोरिया को फसाने के मौके की तलाश में था।
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तभी 31 दिसंबर 2022 की शाम लगभग 7 से 8 बजे राजू मंडोरिया की माता अन्नू बाई को अचानक दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आने पर उनके गाड़ी से पड़ोसी ड्राइवर के द्वारा झाबुआ अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ग्राम फुलमाल में उनके माता अन्नू का हार्ट अटैक से आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। राजू मंडोरिया ने उनकी माता अनु बाई की मृत्यु का सरे आम अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं अरविंद मंडोरिया एवं अन्य पर आरोप लगाया गया था। मृतक का अन्नू की डेड बॉडी शाम 7:00 बजे से दूसरे दिन लगभग 1:00 बजे तक घर में ही रखी ताकि राजू मंडोरिया साठ गांठ कर अपने प्रशासनिक लोक सेवक होने का दुरुपयोग करते हुए झूठी शिकायत देते हुए अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं अरविंद मंडोरिया व अन्य को षडयंत्र पूर्वक मर्डर के आरोप में फंसाया जा सके। राजू मंडोरिया के कहने पर कई मध्यस्थों के द्वारा थाने पर जाकर अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को मोबाइल फोन पर धमकाया गया कि हम तुम्हारे खिलाफ अन्नू बाई की मृत्यु के आरोप में कानूनी कार्यवाही कर रहे हैं तुम्हारा क्या कहना उक्त संबंध में अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार के मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध है। इस प्रकार से अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं उनके साथ देने वाले तमाम लोगों को मानसिक रूप से जानबूझकर लगातार प्रताड़ित करते हुए राजू पक्ष के लोगों के द्वारा अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार की छवि को जानबूझकर धूमिल किया गया।
मंडोरिया पत्रकार के द्वारा आज से लगभग 4 से 5 माह पूर्व सूचना के अधिकार में उक्त संबंध में पुलिस विभाग से जानकारी चाही गई थी परंतु पुलिस विभाग के द्वारा जानबूझकर जानकारी समय पर नहीं दी गई थी। आधी अधूरी जानकारी दी गई जिससे ज्ञात हुआ कि उक्त षड्यंत्र में गांव के कई लोग शामिल है जिन्होंने राजू मंडोरिया के धूर्त इरादों में अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं अरविंद मंडोरिया को फसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी पुलिस प्रशासन के द्वारा उन लोगों के कथन प्रमाणित कर प्रदान किए गए जिससे यह प्रतीत होता है कि राजू मंडोरिया एक प्रशासनिक प्रशासनिक लोक सेवक होने के बाद भी इस प्रकार के झूठे आरोपों में फसाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को जानबूझकर मर्डर केस में फसाने की कोशिश करता है। और गांव के तमाम लोगों ने उनके इस धूर्त इरादों में साथ दिया गया।
राजू मंडोरिया के द्वारा रुपए दे कर झूठे गवाह तैयार किए गए। मुन्ना पिता वेसिया गणना ने अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को बताया गया कि मेरे द्वारा ऐसी कोई घटना नहीं देखी गई और राजू के द्वारा बिना मेरी जानकारी के गवाह में मेरा नाम कैसे दे दिया गया है। जबकि पुलिस प्रशासन के द्वारा मुन्ना गणाना आदि के कथन प्रमाणित कर अल्बर्ट मंडोरिया को प्रदान किए गए हैं जिसमें स्पष्ट यह लिखा गया कि अल्बर्ट मंडोरिया,अरविंद मंडोरिया आदि राजू मंडोरिया के घर मारपीट करने हेतु उनके साथियों के साथ घर पर आए थे इसी कारण राजू की माता अन्नू की मृत्यु हुई है। राजू मंडोरिया की सगी बहन मोनिका मंडोरिया के द्वारा भी शपथ पत्र देते हुए स्पष्ट रूप से यह कहा गया कि राजू मंडोरिया एवं पुलिस के दबाव में झूठे बयान दर्ज करवाये गये है। उक्त परिस्थितियों में यह स्पष्ट होता है कि राजू मंडोरिया के द्वारा जानबूझकर अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार की छवि धूमिल करने के इरादे से उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने का षड्यंत्र रचा गया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजू मंडोरिया के द्वारा अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार को फसाने के लिए लाखों रुपए की रिश्वत पुलिस को दी गई।
राजू मंडोरिया के साथ में जिन लोगों के द्वारा अल्बर्ट मंडोरिया पत्रकार एवं अन्य को झूठे आरोपों में फसाने हेतु झूठे साक्ष्य दिए गए उनके खिलाफ शासन प्रशासन से अपील करता हूं कि उचित कानूनी कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार से किसी अन्य निर्दोष के ऊपर इस प्रकार के षडयंत्र पूर्वक झूठे आरोप न लगाया जाए।
Albert Mandoriya, Chief in Editor, Am live News.