झाबुआ जिले में कई ऐसे झोलाछाप डॉक्टर है जो प्रशासन के कड़े कानूनों के बावजूद भी कानून को ताक पर रखकर फर्जी झोलाछाप अपनी मनमर्जी से अपनी दुकानदारी चला रहे हैं।
जी हां सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विनोद पारगी गलत इलाज की वजह से हुई मौत का जिम्मेदार फर्जी डॉक्टर ही है। आखिर ग्रामीण आदिवासियों के साथ अन्याय क्यों??!!
सूत्र यह भी बताते हैं कि मौत के सौदागरो ने विनोद पारगी के परिजनों को रुपयों का लालच देकर मुंह बंद कराया गया बड़ी ताजुब की बात यह है कि मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं करवाया गया।
सूत्र बताते हैं कि विनोद पारगी को मामूली सा बुखार और सिर दर्द था जिस के इलाज के लिए डॉक्टर के पास गए डॉक्टर के द्वारा इंजेक्शन व बोतल चढ़ाने के तत्पश्चात लगभग 2 घंटे के भीतर विनोद पारगी की मृत्यु हो गई।
जिला प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के अनपढ़ गरीब लोग अपनी जान को जोखिम में डाल देते हैं व कभी-कभी उन्हें अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। जैसे कि विनोद पारगी ने अपनी जान गलत इलाज की वजह गवा दी।
जिला प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए और एक अभियान चलाना चाहिए कि जिले में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर कहां कहां और किस तरीके से लोगों को इलाज के नाम पर आर्थिक व शारीरिक क्षति पहुंचा रहे झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करना चाहिए।
डॉक्टर साहब का यह कहना।
जब पुलिस प्रशासन को कोई परेशानी नहीं स्वास्थ्य विभाग को कोई परेशानी नहीं फिर आपको क्या???!!!
मेरे द्वारा मृतक का इलाज किया गया था परंतु कैसे मृत्यु हुई यह मुझे पता नहीं।
उक्त संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है आज मेरी बैठक है बैठक के बाद पता करके मैं आपको जानकारी देती हूं मुझे मृतक का नाम पता नोट करवा दें।
पुलिस अनुभाग,अनुविभागीय अधिकारी,पेटलावद।
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