नाबालिग की शादी रुकवाने के लिए लिखित शिकायत देने पर शिकायतकर्ता को ही थाने पर बिठा लिया गया।

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जी हां यह मामला है झाबुआ जिले के थांदला थाना के अंतर्गत ग्राम देवीगढ़ का देवीगढ़ निवासी मोतिया सिंगारिया के द्वारा अपने बेटे पंकज सिंगाडिया की सगाई आदिवासी जाति समाज के अनुसार दूलसिंह पिता हरदार निवासी परवलिया की पुत्री के साथ करवाई गई थी।

लगभग 5- 6 माह पूर्व दोनों पक्षों में सर्व सहमति से वर वधु बालिक होने पश्चात शादी करवाने का प्रस्ताव रखते हुए सर्वसहमति दोनों वर-वधू की सगाई हुई थी।

परंतु लड़की के पिता ने पैसों के लालच में आकर लड़की की शादी नाबालिक होने के बाद भी किसी अन्य देव शादीशुदा आदमी के साथ धूमधाम से शादी करवा दी गई जिसकी शिकायत शादी के पूर्व पुलिस अधीक्षक झाबुआ एवं पुलिस थाना थांदला पुलिस अनुभाग थांदला को लिखित शिकायत दी जाने के बाद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि शिकायतकर्ता को जबरन थाने पर बिठाए जाकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा।

शिकायतकर्ता के द्वारा कार्रवाई नहीं करने के कारण मुख्यमंत्री सीएम हेल्प में शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके चलते पुलिस के द्वारा कई बार रात्रि में जाकर उनसे मोबाइल छीन कर शिकायत बंद करने की कोशिश की गई, परंतु पुलिस कामयाब नहीं हुए ऐसे में उन्होंने बिचौलियों के माध्यम से थाने पर बुलाया और थाने पर बुलाकर शिकायत वापस लेने हेतु व मुख्यमंत्री सीएम हेल्प शिकायत को बंद करवाने के लिए जबरन दबाव बनाते हुए थाने पर बैठा दिया जब तक शिकायत बंद न करवा दी जाए।

पुलिस प्रशासनिक जवानों के द्वारा शिकायतकर्ता को कहा जाता कि क्या तुमने तुम्हारे बेटे की सगाई की गई तब हमसे पूछा था जो अब शिकायत कर रहे हो ऐसे में आखिर किसी व्यक्ति के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी होती है तो न्याय की गुहार किसके पास लगाएं कानून के रखवाले ही इस तरीके का व्यवहार करते हैं तो आखिर आम जनता कहां जाएंगे।

थांदला पुलिस के द्वारा आज तक नाबालिक शादी के संबंधित दी गई शिकायत के संबंध में कोई जांच नहीं करते हुए शिकायतकर्ता से ही उक्त शादी के संबंधित दस्तावेज चाहे जा रहे हैं आखिर पुलिस अधिकारी कर्मचारी की क्या जिम्मेदारी बनती है शिकायतकर्ता के द्वारा यथासमय शिकायत प्रेषित की गई थी फिर शादी क्यों नहीं रुकवाई गई।
शिकायतकर्ता के द्वारा स्पष्ट अपने शिकायत आवेदन एवम् कथनों में स्पष्ट किया गया कि नाबालिक युवती की शादी को रुकवाने के उद्देश्य से मेंरे द्वारा शिकायत की गई थी परंतु पुलिस के द्वारा कार्यवाही नहीं की गई।

आखिर नाबालिक के साथ शादी के नाम पर हो रहे अन्याय के जिम्मेदार कौन है। उक्त घटना की खबर मिलते ही मौके पर sw24 न्यूज एवं ए एम लाइव एवम् संस्था प्रमुख के द्वारा पीड़ित परिवार से तत्काल संपर्क कर पुलिस अधिकारी पुलिस अनुभाग थांदला से प्रत्यक्ष मुलाकात करते हुए उक्त घटना से अवगत करवाते हुए अनुविभागीय अधिकारी एमएस गवली से उचित जांच कर कार्यवाही का निवेदन किया गया व शिकायतकर्ता को तत्काल अपने कथन दर्ज करवा कर वापस छोड़ने के निवेदन पर शिकायतकर्ता मोतिया सिंगाडिया को हमारी टीम द्वारा उनके घर तक वापस छोड़ दिया गया।

उक्त घटना से ऐसा प्रतीत होता है आदिवासी संगठन को ऐसी घटनाओं में सक्रिय होना बहुत जरूरी है विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों में बिचौलियों की वजह से आदिवासी गुमराह होते हैं जिसके कारण पीड़ित आदिवासियों को कई प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ती है।

AM LIVE MADHYA PRADESH


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