
झाबुआ। शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को चकमा देकर पीडीएस अनाज का कालाबाजारी करने वाला पकड़ा गया ट्रक से लम्बे समय से ओवरलोडिंग और ठेकेदार द्वारा की जा रही मनमानी को लेकर, श्री वीर सिंह भूरिया विधायक के द्वारा कल रंगे हाथों पकड़ा गया ट्रक आप देख सकते हैं कि ट्रक में सरकारी अनाज के बोरे भरे हुए है।
जिला प्रशासन की उक्त कार्यवाही में बड़ा अंतर एक जिले में दो नियम विचारणीय।
शासन प्रशासन के निर्धारित नियमानुसार के दोषी कर्मचारी अधिकारियों के विरुद्ध अंतर एक ही जिले में कानूनी कार्यवाही के अलग-अलग नियम लागू कैसे हो सकते। इसका ताजा मामला मेघनगर में बुधवार की घटना में देखा जा सकता है। यहाँ रंभापुर रोड स्थित भेराजी बिल्डिंग मटेरियल गोदाम में पीडीएस में लगे ट्रक से अनाज का अवैध भंडार पाया गया, जिस पर केवल गोदाम मालिक और ट्रक मालिक पर कार्यवाही पुलिस में दर्ज कराई गई जबकि 5 सितंबर 2020 को पेटलावाद में रिकॉर्ड में असमानता पाए जाने पर गोदाम प्रभारी केंद्र प्रभारी और परिवहन कर्ता के खिलाफ f.i.r. दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई। जिस प्रकार की तत्परता प्रशासन ने पेटलावद प्रकरण में दिखाई थी उतनी ही उक्त मेघनगर के मामले में प्रशासन के अधिकारियों ने नहीं दिखाई इससे साफ जाहिर होता है कि 1 जिले में कई नियम अलग-अलग तरह से लागू किये जा सकते है। आप सत्ताधारी हैं तो आप पर सारे नियम शिथिल होंगे और अगर आप विपक्षी है तो आप पर सारे नियम कड़ाई से लागू किए जाएंगे। उदाहरण के लिए मेघनगर का मामला ही देख लीजिए पीडीएस का माल निजी गोडाउन में खाली होते हुए पकड़े जाने के बाद भी परिवहनकर्ता पर किसी प्रकार की कार्रवाई अब तक नहीं होना बताता है कि मुख्यमंत्री के निर्देश केवल कांग्रेस या उसके समर्थको पर प्रभावी रूप से लागू होंगे।

वैसे गुजराती में कहावत है कि
“सत्ता ना आगे सानपट ना चालें “”
यानी सत्ताधारी के सामने किसी भी प्रकार की होशियारी नहीं चलती ठीक उसी तरह इस मामले में भी वर्तमान ट्रांसपोर्टरों को बचाने के लिए येन-केन तर्क देने का सिलसिला शुरू हो गया है। जांच की जाएगी, दोषी होने पर मामला दर्ज होगा मगर यह जांच कब होगी किसी को नहीं पता।
A one morning news Jhabua.