जनपद सदस्य एवं युवा कांग्रेस नेता मथियास भूरिया की खुली चेतावनी -ः रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार में लिप्त अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री पर हो कठोर कार्रवाई

, नहीं तो 9 नवंबर से समर्थकों के साथ बैठेंगे कलेक्टोरेट परिसर में अनिष्चितकालीन हड़ताल पर
भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाएंगे पोल-खोल अभियान
झाबुआ। रानापुर के जनपद सदस्य एवं युवा कांग्रेस नेता मथियास भूरिया अब जिले में तेजी से फल-फूल रहे भ्रष्टाचार को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके है। उन्होंने 7 नवंबर को एक पत्रकारवार्ता का आयोजन कर साफ तौर पर कहा कि यदि भ्रष्टाचारियों पर लगाम नहीं कसी गई और उन पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह आगामी 9 नवंबर, सोमवार से जिला मुख्यालय पर कलेक्टोरेट परिसर में अनिष्चितकालीन हड़ताल पर अपने समर्थकांे के साथ बैठेंगे। इस दौरान उन्होंने विषेष रूप से रोजगार गारंटी योजना में करोड़़ो रूपयों के भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी में लिप्त अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री का जिक्र करते हुए शासन एवं जिला प्रषासन से इन पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
युवा नेता मथियास भूरिया ने 7 नवंबर, शनिवार को दोपहर 1.30 बजे से स्थानीय गादिया काॅलोनी के पीछे अपने फार्म हाऊस पर पत्रकारवार्ता का आयोजन कर बताया कि वे एवं उनके समर्थक तथा कार्यकर्ता मिलकर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ पोल-खोल अभियान संचालित कर रहे है। जिसकी शुरूआत वे 9 नवंबर, सोमवार से करेंगे। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि रोजगार गारंटी योजना में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग (आरईएस) झाबुआ के अनुविभागीय अधिकारी धीरज अखंड एवं उपयंत्री रूपल वैष्णव द्वारा निर्माण कार्योंे में भ्रष्टाचार की शिकायत वे पिछले कई महीनों से अनवरत हर स्तर पर कर चुके है, जिसमें मनरेगा विजलेंस विंग प्रधानमंत्री कार्यालय लोक कल्याण मार्ग नई दिल्ली, मुख्य सचिव मप्र शासन भोपाल, कमिष्नर कार्यालय कमिष्नर (राजस्व) इंदौर संभाग इंदौर, जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, एसडीएम झाबुआ एवं आरईएस के कार्यपालन यंत्री को भी उनके द्वारा कंपलेन की जा चुकी है, लेकिन बावजूद इसके इन दोनो अधिकारियों के खिलाफ आज तिथि तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और ना ही उच्च स्तर पर जांच दल का गठन कर जांच कर इनके खिलाफ कड़े कदम उठाए गए है। जनपद सदस्य श्री भूरिया ने सीधे तौर पर उक्त दोनो अधिकारियों पर निर्माण कार्यों में करोड़ो के भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मामले में जांच एवं कार्रवाई हेतु जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा झाबुआ के कार्यपालन यंत्री को 5-5 बार से अधिक आवेदन दे चुके है, लेकिन नतीजा सिफर निकला है।