दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जिला झाबुआ।

ग्रामीण आजीविका मिशन झाबुआ अंतर्गत नवीन गठित समूह से संबंधित विभागीय कर्मचारियों के द्वारा बिना रिश्वत के समूह गठित कर उन्हें ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत किसी प्रकार का लाभ बिना रिश्वत लिए नहीं दिया जाता है यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत समूह की महिलाओं के द्वारा स्वयं बताया जा रहा की उनसे उक्त विभाग में समूह गठित कर लोन मिलने के पूर्व रिश्वत ली जाती है जिसके बाद ही उन्हें उक्त योजना का लाभ दिया जाता है यहां तक की उक्त कर्मचारियों के द्वारा उन्हें रिश्वत नहीं देने पर धमकाया भी जाता है, और कहां जाता है कि हम साड़ी वाली महिलाओं को हमारे ग्रामीण आजीविका मिशन में सम्मिलित नहीं करते हैं।
कर्मचारी का कहने का तात्पर्य यह होता है कि हम समझदार पढ़ी लिखी महिलाओं को समूह में शामिल नहीं करते,क्योंकि समझदार महिलाएं समूह की समस्त जानकारी समय-समय पर मांगती है समूह के संबंधित दस्तावेज पासबुक सील मोहर अपने पास रखती है जिससे उक्त विभाग के कर्मचारियों को गबन करने में दिक्कतें आती है इसलिए उक्त विभागीय कर्मचारियों का महिलाओं को यह कहा जाता है कि हम साड़ी वाली महिलाओं को समूह में सम्मिलित नहीं करते हैं।

अब प्रश्न यह है कि शासन प्रशासन के द्वारा उक्त आजीविका परियोजना मिशन के अंतर्गत महिलाओं को आगे बढ़ाने हेतु लोन दिया जाता है या उक्त कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए हम आपको बता दें कि उक्त संबंध में वर्तमान में जिला मुख्यालय पर उक्त विभाग की शिकायतें विचाराधीन है परंतु जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके कारण ग्रामीण आजीविका परियोजना के अंतर्गत समूह संचालक महिलाएं लगातार भ्रष्टाचार की शिकार होती जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि महिला समूह के बैंक खाता से बिना उनकी जानकारी के एनईएफटी द्वारा बैंक से पैसे ट्रांसफर भी किए जाते हैं जिसकी जानकारी समूह अध्यक्ष सचिव व सदस्यगण को नहीं होती है । यहां तक कि उक्त समूह अध्यक्ष सचिव की एनएफटी द्वारा गबन रुपयों के संबंध अधिकारी कर्मचारी के बीच वाद विवाद भी हुआ परंतु बाद में उक्त बात को दबाने की कोशिश करते हुए समूह अध्यक्ष सचिव को यह आश्वासन दिया गया कि हम आपको खाते से निकाले गए रुपए वापस कर देंगे। शासन प्रशासन के जिम्मेदार जांचकर्ता अधिकारी से अनुरोध है कि उक्त संबंध में उचित जांच कर संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए ताकि शासन-प्रशासन के शासकीय खजाने से आर्थिक क्षति को रोका जा सके।
समूह की महिलाओं के द्वारा यह आरोप सोनिया पस्तोर समूह प्रेरक आजीविका परियोजना जनपद पंचायत झाबुआ के अंतर्गत आरोप लगाए गए हैं कि उनके द्वारा समूह में लोन मिलने के पूर्व रिश्वत की मांग की जाती है मांग पूर्ण होने के बाद ही उन्हें उक्त योजना के तहत लोन दिया जाता है। हम आपको यह भी बता दे कि सोनिया पस्तोर के विरुद्ध जिला मुख्यालय में शिकायत जांच विचाराधीन है पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ को भी उक्त संबंध में लिखित शिकायत दी गई है उक्त संबंध में पुलिस प्रशासन शिकायत की जांच में जुटी हुई है परंतु सोनिया पस्तोर के विरुद्ध एक के बाद एक नए तथ्य सामने आते ही जा रहे हैं ऐसे में शासन प्रशासन को गरीब महिलाओं को धोखाधड़ी की शिकार होने से समय पर उचित जांच कर बचाना चाहिए उनके भविष्य से जो खिलवाड़ हो रहा है उस और ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।
जिला झाबुआ से a one morning news की पड़ताल