शासन के साथ करोड़ो की धोखाधड़ी करने वाले शासकीय सेवको में तत्कालीन वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत्त नीमच राजू मण्डोरिया पिता अंदरु मण्डोरिया, सहित व्यापारी को 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास ।

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नीमच। Albert Mandoriya Editor In Chief श्रीमान राकेश कुमार शर्मा, विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, जिला नीमच द्वारा आपराधिक षड्यंत्र कर शासन के साथ छल करके 7.34 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले (01) तत्कालीन वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत्त नीमच राजू मण्डोरिया पिता अन्दु मण्डोरिया, उम्र-48 वर्ष, (02) तत्कालिन वाणिज्यिक कर निरीक्षक सुभाषचन्द्र पिता सत्यनारायण परिहार, उम्र 62 वर्ष एवं (03) व्यवसायी सोनू रूगवानी उर्फ रूघवानी उर्फ दादवानी पिता जगदीश चन्द्र रूघवानी, उम्र-37 वर्ष, निवासी सिंधी कॉलोनी, नीमच को धारा 420 सहपठित 120बी भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 05-05 के सश्रम कारावास एवं 10000-10000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली विशेष लोक अभियोजक श्री विवेक सोमानी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना मई 2011 से मार्च 2012 के मध्य की हैं। वाणिज्य अधिकारी वृत, नीमच श्री डी. के. जैन द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू) इकाई, इंदौर को एक आवेदन पत्र दिया था, जिसके अनुसार कृष्णा ट्रेडिंग कंपनी, नीमच के प्रोपराईटर सोनू रूगवानी द्वारा वाणिज्य कर विभाग से उसे व्यवसाय हेतु जारी घोषणा पत्र फार्म नंबर 49 का दुरूपयोग फार्म को कई बार अवैध रूप से कम्प्यूटर द्वारा स्केन कर एडिट किया जाकर कई व्यापारियों को जारी किया गया एवं वाणिज्य कर जाँच बेरिअर, नयागांव, नीमच पर विभागीय प्रक्रिया का फायदा उठाकर कई व्यवसायियों ऐसे जारी फार्म 49 से राजस्व का नुकसान कराया जाकर शासन के साथ करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी की गई एवं कई व्यवसायियों को अवैध रूप से लाभ पँहुचाया था। इस आपराधिक षडयंत्र में उसके साथ तत्कालीन वाणिज्यिक कर अधिकारी राजू मण्डोरिया एवं तत्कालिन वाणिज्यिक कर निरीक्षक सुभाषचन्द्र परिहार भी शामिल थे। ई.ओ. डब्ल्यू, इकाई-इंदौर द्वारा आवेदन पर से अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की विवेचना की गई जिसमे संबंधीत फर्म पर जाकर जाँच की गई एवं संबंधीत शासकीय दस्तावेजों की भी जाँच की गई जिससे यह ज्ञात हुवा कि आरोपीगण द्वारा की गई धोखाधड़ी के

फलस्वरूप शासन को कुल 7.34 करोड़ के राजस्व की हानी हुई, जिसका अवैध लाभ आरोपीगण द्वारा अर्जित किया गया। ई.ओ. डब्ल्यू, इकाई-इंदौर द्वारा आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र विशेष न्यायालय, नीमच में प्रस्तुत किया गया।

विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक श्री विवेक सोमानी द्वारा फरियादी, विवेचक सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर यह प्रमाणित किया कि आरोपीगण द्वारा शासन के साथ छल करके 7.34 करोड़ की धोखाधड़ी की जाकर अवैध लाभ अर्जित किया गया हैं, जिस कारण अपराध की गंभीरता को देखते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय विशेष न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक विवेक सोमानी द्वारा की गई।


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