माननीय न्यायालय के निर्देश पर फर्जी मार्कशीट मामले में पुलिस थाना कल्याणपुरा द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया। माननीय न्यायलय ने कहा ऐसे फर्जीवाड़े पर अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध सजा योग्य है।

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झाबुआ। Albert Mandoriya, Editor In Chief, Am Live News दिनांक 26.08.2024, माननीय न्यायालय झाबुआ के निर्देश में पुलिस थाना प्रभारी कल्याणपुरा द्वारा आरोपीगण विरुद्ध प्रकरण पंजीकृत किया। माननीय न्यायालय द्वारा मुख्य मास्टरमाइंड राजू पिता अंदरू मंडोरिया, सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिवीजन, निलंबित अधिकारी एवं सुरेंद्र सिंह चौहान प्रधानाध्यापक व मोनिका मंडोरिया तीनो अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर उनके आधिपत्य से दस्तावेजों को जप्त करने के दिए निर्देश।


महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ में फर्जी नियुक्ति का हुआ पर्दाफाश। पुलिस जाँच में कई बड़े अधिकारी कर्मचारी लिफ्ट होने का अंदेशा।

माननीय न्यायालय द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्देशित किया कि प्रथम दृष्टया अंक सूचियों और प्राथमिक विद्यालय पिपलिया तहसील व जिला झाबुआ के प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षरित एवं स्कूल रिकॉर्ड को देखने से यह स्पष्ट है कि अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ करना तथा उनके आधिपत्य से दस्तावेजों को जप्त करना इत्यादि संपूर्ण कार्यवाही पुलिस थाना प्रभारी कल्याणपुरा को तत्काल करने हेतु निर्देशित किया गया।
माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार पुलिस थाना प्रभारी कल्याणपुरा द्वारा तत्काल आरोपीगण 1- मोनिका पिता अंदरू मंडोरिया (मोनिका पति नॉरबर्ट भूरिया) 2- सुरेंद्र सिंह चौहान प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय पिपलिया 3- राजू पिता अंदरू मंडोरिया सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन,निलंबित अधिकारी के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। एवं थाना प्रभारी कल्याणपुरा द्वारा फर्जी मार्कशीट मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण का अनुसंधान कर विधिवत रूप से मामले को वरिष्ठ न्यायालय को प्रकरण कमिट किए जाने हेतु पुलिस थाना प्रभारी कल्याणपुरा द्वारा न्यायालय के निर्देशानुसार जांच शुरू कर दी गई ।

माननीय न्यायालय के द्वारा अपने निर्देश में यह भी कहा गया कि इस प्रकार कूट रचना एवं फर्जी अंक सूची लेकर नौकरी हासिल कर कई वर्षों से शासन-प्रशासन से वेतन प्राप्त किया जा रहा ऐसे फर्जी वाडे पर अभियुक्तगण के विरुद्ध अपराध सजा योग्य है।

चूंकि -अभियुक्त क्रमांक 1-मोनिका पिता अंदरू मंडोरिया (मोनिका पति नॉरबर्ट भूरिया) द्वारा वर्ष-1994-95 में प्राथमिक विद्यालय पिपलिया तहसील झाबुआ जिला झाबुआ से कक्षा 5 वी में रोल नंबर-25 स्कॉलर नंबर-754 से कक्षा 5 वी की परीक्षा देकर उत्तीर्ण होना जिस पर ऑरिजिनल स्कूल रिकॉर्ड अनुसार 800 पूर्णांक में से 370 प्राप्तांक आना एवं स्कूल रिकॉर्ड में दर्शाया गया है। डुप्लीकेट अंक सूची राजू पिता अन्दरू मंड़ोरिया,सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिवीजन, निलंबित अधिकारी एवं आरोपी क्रमांक-2 सुरेंद्र सिंह पिता निर्भय सिंह चौहान प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय पिपलिया से मिली भगत करते हुए दस्तावेजों में कूट रचना करके तैयार कर 500 प्राप्तांक में से 440 पूर्णांक हो कर 88 प्रतिशत अंक बढ़ा कर प्रधानाध्यापक सुरेंद्र सिंह चौहान के हस्ताक्षर से मिली भगत कर प्राप्त कर फर्जी अंक सूची के आधार पर मोनिका द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना राणापुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नौकरी प्राप्त कर शासन-प्रशासन से कई वर्षों से वेतन प्राप्त कर शासन-प्रशासन को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाई जा रही थी।

माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्देश में यह भी कहा कि उपरोक्त तथ्यों एवं प्रस्तुत दस्तावेजो से प्रथम दृष्टया मूल्यवान प्रतिभूति की छल के प्रयोजन से कूट रचना किया जाना दर्शित होता है उक्त मामले में निशा मेहरा सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ द्वारा माह फरवरी वर्ष-2024 को संकुल प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल पिपलिया विकास खंड झाबुआ जिला झाबुआ को भेजे गए पत्र में सुरेंद्र सिंह चौहान के विरुद्ध प्रथम सूचना एफ.आई.आर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए गए थे परंतु जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के जांच अधिकारियों के द्वारा उक्त फर्जी मार्कशीट को शासकीय दस्तावेजों के आधार पर अवैध बताते हुए भी राजू पिता अन्दरू मंड़ोरिया, एवं सुरेन्द्र सिंह चौहान प्रधानध्यापक उक्त आरोपीगण को संरक्षण दिया गया जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ को प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के द्वारा मोनिका पिता अंदरू मंडोरिया (मोनिका पति नॉरबर्ट भूरिया) की आंगनवाडी कार्यकर्ता पद से सेवा समाप्त करते हुए अवैध मार्कशीट के संबंध में राधू सिंह बघेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के निर्देशानुसार परियोजना अधिकारी द्वारा पुलिस थाना प्रभारी राणापुर को अग्रिम कानूनी कार्रवाई हेतु पत्र जारी किया गया।

निशा मेहरा सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ के निर्देश में सुरेंद्र सिंह चौहान प्रधानाध्यापक के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई थी। विभागीय जाँच अधिकारी भारत सिंह सहायक परियोजना प्रशासक आय.टी.डी.पी झाबुआ द्वारा विभागीय जाँच रिपोर्ट में लेख किया गया कि उक्त फर्जी मार्कशीट को तथ्यों के अभाव में सिद्ध/असिद्ध किया जाना संभव नहीं। जबकि शिकायत जांच दल जनजाति कार्य विभाग झाबुआ की जांच रिपोर्ट में डुप्लीकेट मार्कशीट को अवैध रूप से बनवाई जाना बताया गया है। उक्त शिकायत जांच में शिकायतकर्ता के कथन जाँच दल अधिकारी 1-दीपेश सोलंकी,क्षेत्र संयोजक, 2-जय वैरागी क्षेत्र संयोजक, 3-रविन्द्र सिसोदिया, सहायक संचालक, जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ द्वारा आज तक उक्त जांच दल द्वारा दर्ज नहीं कराए गए।
ऐसे में जिला शिक्षा विभाग जिला झाबुआ के जांच दल की उक्त जांच रिपोर्ट भी संदेह की परिधि में है। चूंकि उक्त जाँच शासन प्रशासन के सिविल सेवा नियम के विरुद्ध की जा कर जांच अधिकारियों के द्वारा वरिष्ट अधिकारीयों को जाँच रिपोर्ट प्रेषित की जा कर गुमराह किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय न्यायालय को उक्त जाँच दल अधिकारियों को उक्त जाँच से पृथक करते हुए वरिष्ट राजपत्रित अधिकारीगण का जाँच दल गठित कर सूक्ष्मता से जाँच करवाई जाना उचित होगा चूँकि उक्त फर्जी अंकसूची पर गजट ऑफिसर द्वारा हस्ताक्षर किए गए है यह जानकारी स्वयं न्यूज़ ब्यूरो को हस्ताक्षरित करने वाले अधिकारी द्वारा बताया गया कि नौकरी प्राप्त करने हेतु मोनिका मंडोरिया को इसी फर्जी मार्कशीट दस्तावेजों को हस्ताक्षरित कर मेरे द्वारा प्रदान किया गया है यह भी उचित जांच का विषय है। ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के नियुक्तिकर्ता तत्कालीन परियोजना अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध भी उचित जांच कर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाना चाहिए ।


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