जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के छात्र-छात्राओं का भविष्य उन जांच दल अधिकारियों के हाथों में जिन्हें कक्षा पांचवी की फर्जी अंकसूची में अंकित विषय व अंकों से अनभिज्ञ !!!

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Albert mandoriya, Am Live News
झाबुआ । मामला जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के प्राथमिक विद्यालय पिपलिया से राजू पिता अंदरू मंडोरिया , सहायक आयुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम डिविजन, सस्पेंड द्वारा उनकी बहन मोनिका पिता अंदरु मंडोरिया को महिला एवं बाल विकास विभाग झाबुआ में नौकरी लगने के लिए कक्षा 5 वी उत्तीर्ण डुप्लीकेट (फर्जी ) अंकसूची बनवा कर शासन प्रशासन को गुमराह कर नियुक्ति प्राप्त की गई।

मामले की शिकायत लिखित मय साक्ष्य दस्तावेज तत्कालीन कलेक्टर एवं वर्तमान कलेक्टर जिला झाबुआ एवं पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ, पुलिस थाना प्रभारी कल्याणपुरा आदि सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत दी गई थी।

जिला प्रशासन के निर्देशानुसार जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के जांच दल अधिकारियों के द्वारा उक्त शिकायत की जांच जनवरी 2024 में पूर्ण करते हुए जांच दल के द्वारा कार्यालय कलेक्टर जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ को उक्त जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। जिसके आधार पर सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ के द्वारा मार्च 2024 में श्री सुरेंद्र सिंह चौहान प्रभारी प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय पिपलिया संकुल केंद्र शासकीय हाई स्कूल पिपलिया विकासखंड झाबुआ जिला झाबुआ के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित किए जाने के निर्णय के परिपालन में सहायक परियोजना प्रशासक आई.टी.डी.पी झाबुआ को उक्त निर्देशानुसार विभागीय जांच 1 माह में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए गए थे। उक्त आदेश के पूर्व सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ के द्वारा संकुल प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल पिपलिया विकास खंड झाबुआ जिला झाबुआ को पत्र जारी करते हुए माह फरवरी 2024 में श्री सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक प्राथमिक विद्यालय पिपलिया के विरुद्ध एफ.आई.आर दर्ज करने हेतु निर्देश दिए गए थे। परंतु आज तक संबंधित के विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही जिला प्रशासन के द्वारा नहीं की गई।

अब हम आपको बताते हैं कि जिला शिक्षा विभाग झाबुआ उक्त फर्जी मार्कशीट में अंकित विषय व अंकों से किस प्रकार बेखबर है। शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत में स्पष्ट लिखा गया कि उक्त फर्जी मार्कशीट के आधार पर महिला बाल विकास विभाग झाबुआ में नौकरी हासिल की गई परंतु शिक्षा विभाग के जांच दल के द्वारा शिकायत जांच में कहीं पर भी यह लेख नहीं किया गया कि उक्त मार्कशीट फर्जी है या नहीं। उक्त फर्जी मार्कशीट के संबंध में आज तक जिला शिक्षा विभाग झाबुआ एवं महिला बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के द्वारा कोई कानूनी कार्रवाई की गई।

जबकि सूचना के अधिकार में प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना राणापुर, के शासकीय अभिलेख में उक्त फर्जी मार्कशीट पूर्ण रूप से ऑवर हैंडराइटिंग एवं (छेड़छाड़) कर हाथ से बनी फर्जी अंकसूची है। उक्त फर्जी अंक सूची में आरोपीगण की मिली भगत से पूर्णांक एवं प्राप्तांक में हेर फेर किया जाकर 88% प्रतिशत अंक बता कर गलत तरीके से नियुक्ति प्राप्त की गई। जबकि प्राथमिक विद्यालय पिपलिया के शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार छात्रा मोनिका मंडोरिया को कक्षा 5 वी में 800 पूर्णांक में से 370 प्राप्तांक आए थे जोकि स्कूल रिकॉर्ड में दर्शाया गया है। अब यहां पर प्रश्न यह उठता है कि आखिर 370 प्राप्तांक को 88% प्रतिशत अंक किन आधार पर बताए गए हैं। यह जांच का विषय है। परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि जिला शिक्षा विभाग के पास योग्य जांच अधिकारी!!!

जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के जांच दल द्वारा अपनी विभाग की साख बचाने के लिए नाम मात्र की शिकायत जांच करते हुए शिकायत जांच के मुख्य तथ्यों को नजर अंदाज करते हुए शिकायतकर्ता एवं विपक्षीगण के कथन लिए बिना ही जांच पूर्ण करते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर विभागीय जांच में फर्जी मार्कशीट बनाने के मास्टरमाइंड आरोपी राजू मंडोरिया एवं मोनिका मंडोरिया को किन आधारों पर आरोपी बनाया जाएगा जबकि सारे तथ्य उनके विरुद्ध होने के बाद भी जिला शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण के द्वारा जांच में कहीं पर भी यह उल्लेख नहीं किया गया कि उक्त मार्कशीट फर्जी होकर विषय एवं अंकों में फेर बदल किया गया है।

जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के जांच दल अधिकारियों को कक्षा पांचवी के अंक सूची में अंकित विषय व अंकों से अनभिज्ञ है या जानबूझकर उक्त तथ्यों से बेखबर होकर आरोपी राजू मंडोरिया एवं मोनिका मंडोरिया को बचाते हुए सुरेंद्र चौहान प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय पिपलिया को मुख्य आरोपी बनाए जाना भी संदेह प्रतीत करता है। चूंकि उक्त फर्जी मार्कशीट में अंकित हैंडराइटिंग राजू मंडोरिया की है एवं राजू मंडोरिया के द्वारा बल छल द्वारा उनकी बहन को नौकरी लगाने हेतु फर्जी मार्कशीट पर श्री सुरेंद्र सिंह चौहान प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर लिए गए हैं। यह जानकारी स्वयं सुरेंद्र सिंह चौहान प्रधानाध्यापक के द्वारा न्यूज़ ब्यूरो को दी गई थी।

जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के जांच दल को कक्षा पांचवी की फर्जी अंक सूची में अंकित विषय व अंकों से यदि बेखबर है तो ऐसे में जिला प्रशासन को इस मामले में विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि इन्हीं अधिकारियों के हाथ में जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के छात्र-छात्राओं का उज्जवल भविष्य है!!!

जिला शिक्षा विभाग में तैनात उन वरिष्ठ अधिकारीगण जिन के द्वारा फर्जी मार्कशीट में अंकित विषय एवं अंकों की जांच की गई उन्हें उक्त पद पर आसीन होना जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के लिए कितना औचित्य है यह भी विचार करने योग्य तथ्य है। जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के द्वारा लगभग 5 माह से शिकायत जांच के नाम गुमराह किया जा रहा है

अगले अंक में हम आपको बताएंगे कि जिला शिक्षा विभाग झाबुआ के होनहार जांच अधिकारी कौन है जिन के द्वारा फर्जी मार्कशीट के संबंधित शिकायत की जांच की गई।


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