झाबुआ। Am Live News Bureau Report.
मामला विकास खंड झाबुआ जिला झाबुआ के संकुल केंद्र पिपलिया,अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय पिपलिया से छात्रा द्वारा वर्ष-1994-95 में प्राथमिक विद्यालय पिपलिया तहसील व जिला झाबुआ से कक्षा 5 वी उत्तीर्ण की गई थी।

शासकीय स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार 800 पूर्णांक में से 370 प्राप्तांक छात्रा के आए थे जो की स्कूल रिकॉर्ड में दर्शाए गए हैं। जबकि फर्जी मार्कशीट में राजू पिता अंदरू मंडोरिया के द्वारा सुरेंद्रसिंह चौहान की मिली भगत करते हुए दस्तावेजों में कूटरचना कर तैयार कर 500 प्राप्तांक में से 440 पूर्णांक बताए गए होकर 88 प्रतिशत अंक बताकर सुरेंद्रसिंह चौहान सहायक शिक्षक के हस्ताक्षर से मिली भगत कर फर्जी मार्कशीट प्राप्त की गई।

उक्त संबंध में तत्कालीन कलेक्टर जिला झाबुआ को मय दस्तावेज शिकायत प्रस्तुत की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा,श्री राधुसिंह बघेल, महिला एवं बाल विकास विभाग, अधिकारी जिला झाबुआ को जांच सौंप गई थी।
परंतु फर्जी मार्कशीट संबंधित शिकायत होने के कारण जिला शिक्षा विभाग के जांचकर्ता अधिकारी 1-रविंद्रसिंह सिसोदिया सहायक संचालक, शिक्षा जनजातीय कार्य विभाग जिला झाबुआ। 2- जय बैरागी क्षेत्र संयोजक जनजातीय कार्य विभाग झाबुआ। 3-दीपेश सोलंकी क्षेत्र संयोजक जनजातीय कार्य विभाग झाबुआ। उपरोक्त जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा संकुल प्राचार्य पिपलिया श्री प्रवीण नायक एवं प्रधान पाठक श्री जुवानसिंह हरवालिया की उपस्थिति में मौके पर पंचनामा बनाया जाकर उक्त शिकायत की जांच की गई।
शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत जांच के संबंधित समस्त दस्तावेजों को संलग्न प्रस्तुत करने के बाद भी उक्त जांचकर्ता अधिकारियों के द्वारा उक्त प्रमाणिक दस्तावेजों को अनदेखा करते हुए शिकायत की निष्पक्ष जांच नहीं की जाकर आरोपियों को बचाया जा रहा है। उक्त जांचकर्ता अधिकारियों को शिकायत जांच के संबंध प्रमाणिक दस्तावेज के संबंध में समक्ष में जानकारी दिए जाने एवं उक्त शिकायत के संबंध स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 आरोपी सुरेंद्रसिंह चौहान सहायक शिक्षक के द्वारा उनके ही घर में रजिस्टर छुपाए रखा शिकायतकर्ता के द्वारा उक्त जानकारी जांचकर्ता अधिकारियों को मय साक्ष्य देने के बाद भी शासकीय स्कूल रिकॉर्ड संबंधित स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 आरोपी शिक्षक से बरामद नहीं किया जाकर आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है। जबकि आरोपी सुरेंद्र सिंह चौहान के द्वारा भी यह स्वीकार किया जा रहा है कि मुझसे गलती हो गई है आप देख सकते हैं की वीडियो में उन्होंने स्वयं ने अपनी गलती स्वीकार की।
शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत दर्ज करने के पूर्व सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक से शिकायत के संबंधित दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि चाही गई थी जो की सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक के द्वारा कलेक्टर परिसर झाबुआ पर सुरेंद्र सिंह चौहान ने स्वयं उक्त स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 के रजिस्टर की प्रमाणित प्रतिलिपि हस्ताक्षर एवं पद मुद्रा लगाकर दी गई है। उक्त तथ्य की पुष्टि के लिए कलेक्टर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिनांक 29/11/2023 समय सुबह 11:06:45 की फुटेज की जांच की जाए जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा की उक्त स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 रजिस्टर सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक के पास उनके घर पर छुपाया हुआ है।
उक्त स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 में शिकायतकर्ता के द्वारा अवलोकन में पाया गया है कि स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 के प्रत्येक पृष्ठ पर उक्त अवधि के प्रभारी शिक्षक के हस्ताक्षर एवं पद मुद्रा अंकित है।
उक्त जांचकर्ता अधिकारीगण के जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित तथ्य है कि छात्रा द्वारा कक्षा पांचवी उत्तीर्ण वर्ष स्कॉलर पंजी क्रमांक-6 स्कॉलर क्रमांक-754 में सत्र-1993-94 है एवं उक्त छात्रा द्वारा 30/04/1994 को शासकीय प्राथमिक विद्यालय पिपलिया छोड़ा गया है। यदि स्कॉलर पंजी में छात्रा द्वारा उत्तीर्ण वर्ष-1994 है तो सत्र-1994-95 की शेष मार्कशीट संदेह की परिधि में है जिनकी जांच की जाना अतिआवश्यक है। जिस पर हस्ताक्षर श्री सुरेंद्र सिंह चौहान के प्रतीत हो रहे हैं इस प्रकार से जांचकर्ता अधिकारियों के द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
जबकि स्कॉलर पंजी क्रमांक 754 के अनुसार छात्रा के द्वारा सत्र-1994-95 में कक्षा 5 वी उत्तीर्ण की गई एवं इसी प्राथमिक शाला पिपलिया से वर्ष-1997 में कक्षा 8 वीं भी नियमित रूप से छात्रा द्वारा उत्तीर्ण की गई है। शिकायत जांचकर्ता अधिकारीयो के मुताबिक उस कार्य अवधि के प्रभारी के हस्ताक्षर एवं पद मुद्रा स्कॉलर पंजी रजिस्टर आदि में अंकित नहीं होना दर्शाया गया जबकि स्कॉलर पंजी क्रमांक-754 में विधिवत समस्त प्रभारी शिक्षकों के हस्ताक्षर एवं पद मुद्रा अंकित है इससे स्पष्ट प्रतीत होता है उक्त जांचकर्ता अधिकारियों के द्वारा शिकायतकर्ता को नहीं बल्कि जिला प्रशासन के समस्त वरिष्ठ अधिकारीगण को भी गुमराह करते हुए आंखों में धूल झोंकने का काम करते हुए आरोपियों को बचाया जा रहा है ऐसे में उक्त शिकायत जांच के संबंध में जांचकर्ता अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए एवं संबंधित के विरुद्ध भी कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिए। चूंकि उक्त जांचकर्ता अधिकारियों के द्वारा शिकायतकर्ता के बार-बार बताए जाने के बाद भी शिकायत जांच संबंधित तथ्यों की जांच नहीं की गई। और न ही सुरेंद्र चौहान सहायक शिक्षक से उक्त रजिस्टर बरामद किया गया ऐसे में जांचकर्ता अधिकारियों की कार्य शैली पर स्पष्ट संदेह प्रतीत होता है।
वरिष्ठ के निर्देश पर हमारे द्वारा जांच की गई है यदि वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा फिर से जांच के निर्देश दिए जाएंगे तो हम जांच करेंगे।
जय बैरागी क्षेत्र संयोजक जनजातीय कार्य विभाग झाबुआ ।
वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे अभी तक फिर से कोई कार्यवाही के निर्देश नहीं मिले हैं। सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए गए थे परंतु स्पष्ट अभिमत नही होने एवं शिकायत जांच संबंधित दस्तावेज आदेश के संलग्न वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रेषित नही कराने के कारण अग्रिम कार्यवाही नही की जा सकी। संकुल प्राचार्य प्रवीण नायक।