सुरेश को जान से मारने का षडयंत्र रच कर अपहरण करने वाला सोनल का आशिक सुनील गरवाल या पत्नी सोनल के अवैध संबंध का शिकार हुआ पति सुरेश।

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झाबुआ। AM Live News, मामला पुलिस थाना ककड़वानी पुलिस अनुभाग थांदला, अंतर्गत ग्राम दौलतपुरा का पीड़ित सुरेश मेड़ा के अंतर्गत न्यूज़ ब्यूरो को बताया गया कि उनकी पत्नी सोनल का सुनील गरवाल नामक व्यक्ति निवासी सातेर पुलिस थाना बामनिया से कई दिनों से अवैध संबंध चल रहा है, जिसके कारण सुरेश मेड़ा की शादीशुदा जीवन में है। सुनील गरवाल एवं सोनल के द्वारा पीड़ित पक्ष सुरेश के संपूर्ण परिवार को मानसिक एवं शारीरिक आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर दिया। जिसका जिम्मेदार सुनील गरवाल एक शादीशुदा पति होकर सुरेश मेड़ा की धर्मपत्नी सोनल शादीशुदा महिला के साथ अवैध संबंध के चलते एक खुशहाल परिवार को बर्बाद कर डाला।

शिकायतकर्ता अमृत मेड़ा।

पीड़ित सुरेश मेड़ा के अनुसार सुनील गरवाल एवं सोनम का मन नहीं भरा तो उन्होंने षडयंत्र पूर्वक दोनों ने मिलकर सुरेश मेड़ा को अपने रास्ते का कटा समझ कर जान से करने का षड्यंत्र रचा गया तभी लगभग दो माह पूर्व सुरेश का स्वास्थ्य खराब होने पर बाहर गांव से काम से अपने गांव लौट रहा था। उदयगढ़ रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद वह थांदला की ओर जाने लगा तभी उन्हें इनोवा वहां में बैठे उन अपहरणकर्ता द्वारा इनोवा से उतर कर दबोच गाड़ी में बिठाकर हाथ पैर एवं मुंह बांधकर दबाव पूर्वक लेकर वहां से भाग गए यह घटना नौगांव पुलिस चौकी अंतर्गत उदयगढ़ रेलवे स्टेशन से के पास में घटित हुई।

सुरेश मेड़ा एवं सोनल की फैमिली पिक

पीड़ित पक्ष की ओर से सुरेश के पिता अमृत मेड़ा के द्वारा यथा समय सुरेश मेड़ा की गुमशुदा रिपोर्ट नौगांव पुलिस चौकी पर दर्ज करवाई गई थी। क्योंकि सुरेश मेड़ा के द्वारा रेलवे स्टेशन पर उतरने के पूर्व अपने भाई एवं सोनल की माता यानी सोनल की मां को मोबाइल फोन पर यह सूचना दी गई थी कि मैं अब उदयगढ़ रेलवे स्टेशन पर उतारने वाला हूं।

तत्पश्चात अचानक उन्हें अपहरण कर लिया गया था इसके बाद से सुरेश मेड़ा को अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया था जिससे परेशान होकर परिजनों के द्वारा अपने परिजनों आसपास काफी ढूंढने के बाद भी सुरेश का कहीं पता नहीं चलने पर गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।

पीड़ित सुरेश मेड़ा के मुताबिक नकाबपोश चार अपहरणकर्ता के द्वारा सुरेश मेड़ा को अपहरण कर राजगढ़ धार तरफ ले जाया गया था किसी सुनसान जगह पर गाड़ी रोक कर अपहरणकर्ता के द्वारा किसी सुनील नामक व्यक्ति को मोबाइल फोन कर यह कहा गया कि अब तुम हमें रु.50000 पचास हजार रुपए में बाकी के ₹25000 पच्चीस हजार खाते में जमा करवा दो तब हम सुरेश मेड़ा को जान से मार डालेंगे अन्यथा हम इसे वापस छोड़ देंगे। यानी की अपहरणकर्ता के द्वारा सुरेश मेड़ा की सुपारी रु 50000 पचास हजार में ली गई थी।

सुनील एवं अपहरणकर्ता के बीच में बाकी के ₹25000 पच्चीस हजार रुपए के लेनदेन को लेकर काफी देर तक मोबाइल पर वाद-विवाद चल रहा जिसका मौका उठाते हुए सुरेश मेड़ा अपने पैर के बंधन खोल कर भागने में सफल रहा तभी सुरेश ने अपने परिजन से भागते हुए संपर्क किया कि मुझे सुनील ने जान से मारने के गलत उद्देश्य से अपहरण कर लिया गया। हमें उनके चंगुल से जंगल की ओर भाग आया हूं।

सुरेश मेड़ा के अपहरण के लगभग चार दिन बाद सोनल अपने आशिक सुनील गरवाल के साथ भाग जाती है इसे इत्तेफाक कहे या षड्यंत्र। लगभग सोनल एवं सुनील गरवाल दोनों एक साथ 13 दिन तक रहने के बाद दोनों पक्षों में पांच पंचों के बीच समझौता होकर बामनिया पुलिस थाना अंतर्गत सोनल को अपने पति सुरेश मेड़ा को वापस सुप्रुद किया गया था। परंतु सोनल एवं उनके आशिक सुनील गरवाल के अवैध संबंध के चलते वह लगभग 20 दिन बाद फिर से कहीं सुनील के साथ भाग गई। परंतु सुनील गरवाल का कहना है कि सोनल मेरे साथ नहीं है।

ऐसे में सुरेश मेड़ा के परिजनों के द्वारा सोनल की गुमशुद की रिपोर्ट बाकायदा पुलिस थाने पर दर्ज करवाई गई परंतु आज तक सोनल का कहीं पर भी कोई पता नहीं चला ऐसे में अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर सोनल अपने आशिक सुनील गरवाल के साथ नही है तो आखिर कहा गई। पुलिस प्रशासन सोनल की गुमशुदगी रिपोर्ट पर क्यों कोई उचित कार्रवाई नहीं कर रही क्योंकि एक और अवैध संबंध के चलते सोनल अपने पति को छोड़ कर भाग गई है, यह जांच का विषय है कि सोनल लगभग 20 दिन से आखिर कहां लापता है।
सुरेश मेड़ा का कहना है कि मेरे ससुराल पक्ष में भी सोनल को भगाने में किसी न किसी का हाथ है। सुरेश मेड़ा के द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन में स्पष्ट निवेदन किया गया कि सुनील गरवाल एवं उनके ससुराल पक्ष के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स की जांच की जाए जिससे यह स्पष्ट हो जाए की सोनल कहां और किसके साथ है एवं सुरेश मेड़ा को अपहरण करने वाले व्यक्ति के द्वारा उस रात को सुनील गरवाल के मोबाइल पर संपर्क किया था या नहीं जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि सुरेश मेड़ा का अपहरण किया गया था या यह एक षड्यंत्र का हिस्सा है। पुलिस प्रशासन को इस और विशेष ध्यान देते हुए सूक्ष्मता से जांच कर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिए जिससे एक खुशहाल परिवार बर्बाद होने से बच जाए। क्योंकि सुरेश मेड़ा एवं सोनल के चार मासूम बच्चों का भविष्य भी बर्बाद हो रहा है।

सोनल भाग गई तो हम क्या करें हमारी जिम्मेदारी थोड़ी न है वह उनके घर से भागी तो वह जाने हमारी बदनामी हो रही तो हम क्या करें। सोनल की माता पुंजली पति टिटाया परागी।

सुरेश मेड़ा की पत्नी सोनल पहले मेरे पास आई थी तो मेरे द्वारा पांच पंच में बातचीत कर उसे बामनिया पुलिस थाना में वापस सुपर्द कर गया कर दिया गया था तब से उसका मेरा संपर्क नहीं हुआ, उनको जो मेरा मोबाइल नंबर याद है वह मोबाइल नंबर अभी बंद है मैं चालू करूंगा तो शायद सोनल मुझे संपर्क करेगी। तब मैं बता दूंगा। सुनील गरवाल

सुरेश मेड़ा की गुमशुदगी रिपोर्ट हमारे यहां दर्ज करवाई गई थी परंतु वह दूसरे दिन मिल गया था और हमारे द्वारा जांच पड़ताल की गई परंतु ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया कि उन्हें किसी के द्वारा अपहरण किया गया था। वीरेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी, नोगावा ।

जिला झाबुआ से ए एम लाइव ब्यूरो रिपोर्ट


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