झाबुआ 27 जून, 2023। वर्तमान में मौसमी बीमारियों के दौर में मच्छरजनित बीमारियों के फैलने की संभावना बहुत अधिक बढ जाती है। वर्षा ऋतु में यहॉं-वहॉ पानी के एकत्रित होने से मच्छर पैदा होते है घर के छत के उपर एवं आस-पास पडे टूटे-फुटे बर्तनों, टायर, एवं कंटेनर में पानी एकत्रित हो जाता है जो कि मच्छर को पनपने में सहायक होता है। इसे दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर सुश्री तन्वी हुड्डा द्वारा वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिले में मलेरिया, फाईलेरिया, डेंगू चिकुनगुनिया, जापानीज एनसेफेलाईटिस जैसी बीमारियों के नियंत्रण के लिए जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी श्री डी.एस सिसोदिया के द्वारा जिले एवं विकासखंड की मलेरिया प्रभावित ग्रामों की जानकारी एवं नियत्रंण हेतु किए जा रहें प्रमुख प्रयास की जानकारी प्रदाय की गयी। टास्क फोर्स कमेटी के कार्य-जिले को वर्ष 2030 तक मलेरिया मुक्त करना है। भारत सरकार द्वारा 2016 से 2030 तक मलेरिया एलीमिनेशन का लक्ष्य निरार्धित किया गया है। वर्ष 2027 तक स्थानीय ट्रांसमिशन को खत्म करना है। वर्ष 2030 तक मलेरिया मुक्त क्षेत्रों में पुनः संक्रमण न हो यह सुनिश्चित किया जाए। जिले में कुल 70 केस पॉजिटिव है। मलेरिया को कम करने हेतु जिले में सर्वे किया जा रहा है। जिसमें आशा कार्यकर्ताओं द्वारा मलेरिया की जांच की जा रही है। जिले में लार्वा भक्षी मछली का संचयन किया जा रहा है, कीटनाशन का छिड़काव एवं कीटनाशन उपचारित मच्छरदानी का भी वितरण किया गया है।
मलेरिया एवं डेंगू रोग नियंत्रण हेतु विभिन्न विभागों जिनमें नगर पालिका, पंचायत समाज सेवा, शिक्षा, वन, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, लोक निर्माण, उद्योग, मत्स्य, जल संसाधन, पीएचई, आयुर्वेद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विभाग के सहयोग से जिले को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा।
बैठक में कलेक्टर सुश्री हुड्डा ने कहा कि मलेरिया प्रभावित ग्रामों में विशेष ध्यान केन्द्रीत करते हुए सघनता से मच्छरजन्य परिस्थिति को समाप्त करने एवं मजदुरी पर बाहर से आने वाले लोगों पर त्वरित निगरानी रखते हुए उनकी जांच एवं उपचार करने हेतु समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए। ग्राम की आशा द्वारा मजदुरी पर जाने आने वाले व्यक्तियो को सूची का संधारण कर कार्यवाही करें। मलेरिया निरीक्षकों को उनके क्षैत्र में निरंतर भ्रमण करतें हुए कार्यवाही करने हेतु समझाइश दी गई।
ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में लोगों को मलेरिया और डेंगू के लक्षणों के बारे जानकारी दी जाए। ताकि मलेरिया और डेंगू की रोकथाम की जा सके। साथ ही उन्होंने मलेरिया और डेंगू से बचाव हेतु लोगों को जागरूक करने आवश्यक उपाय करने के लिए कहा है। सभी बीएमओ को अपने-अपने ब्लॉक में बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि लोगों को जानकारी दे कि वे अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें, पानी से भरे गढ्डों में मिट्टी भर दें, तालाबों कुओं और अन्य जलाशयों में गम्बुशिया मछली डालें, जो मच्छर के लार्वा को खा जाती है। पानी के सभी बर्तनों, टंकी को पूरी तरह से ढक कर रखा जाएं। सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु में व पक्षियों के पानी के बर्तनों को सुखाकर उनमें पानी भरा जाए। मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री जे.पी.एस. ठाकुर, जिला मलेरिया अधिकारी, जिला पशु अधिकारी डॉ. विल्सन डावर, जिला आयुर्वेद अधिकारी प्रमिला चौहान, डॉ. केलाश पाटीदार, सहा. आयुक्त निशा मेंहरा, श्री कैलाश मुवेल मत्स्य इंसपेक्टर मत्स्य विभाग एवं जिला सलाहकार श्री जितेन्द्र बघेल एवं समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, सहा. मलेरिया अधिकारी श्रीमती किरण मंडलोई उपस्थित रहें।
Am Live News, Chief Editor District Jhabua (m.p)