रिश्वतखोरी में भी ईमानदारी नहीं !!!
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झाबुआ। रिश्वत के रुपए सरेआम गिनते हुए,परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ।

समूह संचालक का स्पष्ट आरोप है कि परियोजना अधिकारी के द्वारा प्रत्येक माह रिश्वत ₹3000 की मांग दबाव पूर्वक की जाती है।
पीड़ित ने परेशान होकर उक्त घिनौने कृत्य को उजागर करने के लिए नोटों की गड्डी देते हुए वीडियो बनाया गया वीडियो के साथ लिखित में शिकायत संबंधित विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को शिकायत दी गई परंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
शिकायत कर्ताओं का आरोप यह भी है कि परियोजना अधिकारी के द्वारा कार्यालय में मध्य प्रदेश सिविल सेवा अधिनियम के विरुद्ध अधिकारी द्वारा मादक सेवन का उपयोग किया जाता है।
पीड़ितगण द्वारा उक्त शिकायत संबंधित समस्त दस्तावेज वीडियो आदि न्यूज़ ब्यूरो को उपलब्ध कराया गया पीड़ित का कहना है कि आरोपी के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसा घिनौना कृत्य कोई अधिकारी न करें एवं मध्यप्रदेश शासन से भी गुजारिश है कि रिश्वतखोर अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुए पीड़ित को न्याय दिया जाए।
पीड़ित का आरोप है कि शिकायतजांचकर्ता अधिकारी द्वारा आरोपी को जानबूझकर बचाया जा रहा है। लगभग 1 साल बीतने को जा रहा है परंतु शिकायत कर्ताओं को आज दिनांक तक कोई न्याय नहीं मिला ऐसे में रिश्वतखोर अधिकारियों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
आखिर किसके इशारे पर उक्त शिकायत दबाई जा रही है आज तक संबंधित के विरुद्ध क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी के ऊपर यह भी आरोप लगे है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा कर्मचारियों को ब्लैकमेल किया जाता है। आरोप प्रत्यारोप उनकी जगह परंतु उक्त मय साक्ष्य शिकायत दी गई परंतु शिकायत जांच अधिकारियों द्वारा जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई उक्त शिकायत जांच को देखते हुए यह प्रतीत होता है कि उक्त आरोप में सच्चाई होना प्रतीत होता है। कि महिला बाल विकास में किसी कर्मचारी अधिकारी के विरुद्ध कोई शिकायत आने पर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। एवं शिकायत को बाद में दबा दिया जाता है।
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दिनेश वसुनिया की पड़ताल ।