पीड़ित द्वारा जनसुनवाई में कलेक्टर से लगाई सहायिक पद पर नियुक्त करने की गुहार ।

शिकायतकर्ता का आरोप गुमराह कर एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर सुपरवाइजर द्वारा मौखिक आदेश पर पीड़ित विष्ना पति दिनेश भाबॉर को सहायिक का पद पर उनकी जेठानी श्रीमती रेखा पति मुकेश का मानसिक संतुलन खराब होने से उनकी जगह पर लगभग 2 साल तक कार्यरत रही शिकायतकर्ता के अनुसार विभाग की ओर से आज तक उन्हें कोई मानदेय तक प्रदान नहीं किए गए।
शिकायतकर्ता को झूठा आश्वासन दिया गया कि बाद में इसी पद पर आपको ही नियुक्त किया जाएगा झूठे आश्वासन पर पीड़िता अपना घर का और खेती का कार्य छोड़ कर सदैव 2 साल तक आंगनवाड़ी सहायिका पद पर सेवा देती रही परंतु महिला बाल विकास अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से विज्ञप्ति जारी कर किसी अन्य महिला को सांठ गाठ कर नियुक्त किया जाना पीड़िता द्वारा बताया जा रहा है।

दूसरी और शिकायतकर्ता का आरोप यह भी है कि उनकी कृषि भूमि पर बिना किसी अनुमति के महिला एवं बाल विकास विभाग एवं ग्राम पंचायत कर्मचारी द्वारा आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कर दिया गया शिकायत कर्ता का कहना है कि आंगनवाड़ी भवन को हटाया जाए या उक्त सहायिका पद पर नियुक्त किया जाए। सहायिका पद पर नियुक्त नहीं किए जाने की परिस्थिति में उनकी कृषि भूमि से उक्त भवन की कीमत दिलवाने की कार्रवाई की जाए।

शिकायतकर्ता व वर्तमान नियुक्ति की गई महिला के बीच में वाद-विवाद व हाथापाई की स्थिति भी बनी जिसके बाद पुलिस थाना पेटलावद में शिकायत भी दोनों पक्षों के द्वारा की गई शिकायतकर्ता के अनुसार पुलिस थाना के द्वारा दबाव पूर्वक उन्हें दोनों पक्षों के समझौते करवाया गए समझौता नहीं करने की परिस्थिति में शिकायतकर्ता को जेल में भेजने की धमकी दी गई।
इशिता मसानिया, एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी पेटलावद, अनुसार दोनों पक्षियों द्वारा एफ ई आर करवाई गई थी बाद में दोनों भील पंचायत में समझोता नामा हो चुका है अभी मेरे पास संबंधित की समझौते नामा की कॉपी आई है किसी को भी मौखिक निर्देश पर नहीं रखा जाता है यह 2 साल से सेवारत थी यह में जानकारी लेकर बता पाऊंगी यह जानकारी परियोजना अधिकारी पेटलावद के द्वारा न्यूज़ ब्योरो को दी गई ।
AM-LIVE NEWS,MADHYA PRADESH JHABUA