रीना शर्मा शिक्षिका द्वारा 5000 से अधिक दीपक गोबर,गोमूत्र,दूध,दही,घी,एलोवेरा एवं लकड़ी के बुरादे से तैयार किए गए दीपक धनतेरस दीपावली के लिए न्यूनतम दर पर विक्रय किए जाएंगे।

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शारदा विद्या मंदिर बिलिडोल की पद्मा गौशाला में षिक्षिका रीना शर्मा बना रहीं पंचद्रव्यां से 5 हजार से अधिक दीपक, गौबर, गौ-मूत्र, दूध, दही, घी के साथ एलोवीरा और लकड़ी के बुरादे से तैयार कर रहीं दीपक धनतेरस-दीपावली के लिए न्यूनतम दर पर विक्रय किए जाएंगे

रीना शर्मा शिक्षिका

झाबुआ। शारदा विद्या मंदिर बिलिडोज (झाबुआ) की पद्मा गौषाला में एसवीएम अंग्रेजी माध्यम की षिक्षिका रीना शर्मा द्वारा पर्यावरण को बढ़ावा देने एवं गौ-सरंक्षण तथा संर्वधन की दिषा में कार्य करते हुए पंचद्रव्यांं जिसमें विषेष रूप से गौ-माता के गौबर, गौ-मूत्र, दूध, दही, घी से सुंदर एवं आकर्षक दीपक तैयार किए जा रहे है। इसे बनाने में वे एलोवीरा और लकड़ी के बुरादे का भी उपयोग कर रहीं है। रीना द्वारा इस तरह के 5 हजार से अधिक दीपक बनाकर उन्हें आगामी धनतेरस, दीपावली जैसे देष के प्रमुख त्यौहारों के लिए न्यूनतम दर पर लोगों को विक्रय किया जाएगा।
यह कार्य षिक्षिका रीना द्वारा संस्था संचालक ओम शर्मा एवं श्रीमती किरण शर्मा से प्रेरणा लेकर किया जा रहा है। रीना ने जब पद्मा गौषाला में जाकर देखा कि गौ-षाला में जो गौ-माताएं है, उनके गौबर और अन्य सामग्रीयों को मिलाकर यदि दीपक तैयार किए जाए, तो इससे एक ओर पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गौ-संरक्षण तथा संर्वधन के क्षेत्र में भी यह एक अच्छा कार्य हो सकता है। जिसे देखते हुए उन्हांने पहले ट्रायल के लिए गाय के गौबर, गौ-मूत्र के साथ दूध, दही, घी और दीपक को जमाने के लिए एलोवीरा तथा लकड़ी के बुरादे का इस्तेमाल कर एक दीपक बनाया तो वह काफी अच्छा औैर सुंदर बनकर तैयार हुआ।
5 हजार से अधिक दीपक बनाएंगी।

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जिसके बाद रीना शर्मा ने संकल्प स्वरूप 5 हजार से अधिक दीपक बनाने का निर्णय लेते हुए पिछले 10 दिनों के भीतर अब तक 2500 से अधिक दीपक तैयार कर लिए है। साथ ही आगामी दिनों में 2500 ओर दीपक तैयार करेंगी।ं दीपक बनाने का तरीका रीना ने बताया कि वह पहले गौ-माता के गौबर को एक टब में डालकर उसे धूप में हल्का सूखने पर बाद उसके साथ गौ-मूत्र, दूध, दही, घी का इस्तेमाल सांचे में डालकर उसे तराषकर तत्पष्चात् एलोवीरा और लकड़ी के बुरादे का इस्तेमाल कर तैयार दीपक को कुछ देर के लिए धूप में सूखने के लिए रख देती है।
समृद्धि दीपक नाम दिया
कड़ी मेहनत के बाद यह दीपक तैयार होने के बाद इनकी पैकिंग कर आर्डर आने पर इन्हें न्यूनतम दर पर बेचने का कार्य कर रहीं है। उन्होने इन सुंदर दीपकों का नाम ‘‘समृद्धि दीपक’’ रखा है। रीना ने कहा कि वह यह दीपक प्रतीक स्वरूप जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को भी भेंट करेंगी।
दीपों के पर्व के लिए कर सकते है इन दीपकों का इस्तेमाल
रीना ने बताया कि आगामी धनतेरस, दीपावली, गाय-गौहरी पर्व (नए वर्ष) पर लोग इन दीपकों का उपयोग अपने घर-आंगनों को रोषन करने तथा रांगोली को सजाकर बाद रखने आदि में कर सकती है। संस्था संचालिका किरण शर्मा ने बताया कि रीना पहले स्कूल का कार्य करती है। बाद समय मिलने पर गौषाला में दीपक बनाने का कार्य कर रहीं है। रीना यह दीपक अपनी रामकृष्ण नगर स्थित पार्थ मिल्क पार्लर पर विक्रय करने के साथ ही यदि कोई भी व्यक्ति दीपक खरीदना चाहता है तो उनके मोबाईल नंबर 62608-38420 पर भी संपर्क कर बुकींग करवा सकता है।

झाबुआ के ग्राम बिलिडोज स्थित शारदा विद्या मंदिर की गौषाला में पंचद्रव्यों से दीपक तैयार करते षिक्षिका रीना शर्मा।
दीपक तैयार होने के बाद उसे धूप में सुखाया जाता है।

इस तरह सुंदर दीपक तैयार होने पर उसकी पैकिंग कर विक्रय कर रहीं है।


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