बीएलओ प्रभारी का कबूलनामा किसके दबाव में आकर निर्वाचन विभाग, नियम 6 उल्लंघन कर नियमावली में किन लोगो के फर्जी नाम दर्ज करवाए गए।

बीएलओ प्रभारी द्वारा स्वयं अपने कबूलनामा में यह स्पष्ट किया कि उन्हें गुमराह कर दबाव पूर्वक फर्जी दस्तावेज के आधार पर नामावली में नाम दर्ज करवाया गया। बीएलओ द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा बनाए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासन प्रशासन के जिम्मेदार आला अधिकारियों जांचकर्ता अधिकारियों को संबंधित द्वारा गुमराह किया जा रहा है। बीएलओ प्रभारी द्वारा उक्त फर्जी दस्तावेज की जानकारी होने के पश्चात अपने बीएलओ पद से त्यागपत्र देने की भी पेशकश की गई बीएलओ प्रभारी द्वारा न्यूज़ ब्यूरो को अपनी आपबीती सुनाई गई। अब प्रश्न यह उठता है कि शासन प्रशासन के जिम्मेदार आखिर क्यों आंख मूंदकर बैठे हैं क्या कानूनी कार्यवाही के लिए बीएलओ प्रभारी के उक्त कबूल नामा बयान पर्याप्त नहीं है।
आए जानते है क्या है ?
नियम :-

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, नियम -13(1) और 26 के पालन मे निर्वाचन नामावली मे नाम सम्मिलित किए जाने के लिए क्यो जरूरी हैं, कंडिका-8,10, के पालन में बी.एल.ओ. प्रभारी, व निरीक्षक द्वारा नामावली में नाम जोड़ने के पूर्व पूर्ण रूप से उस व्यक्ति के निवास स्थान का दिन या रात्रि में जाकर निरीक्षण कर पूर्ण संतुष्टि होने के बाद नामावली में नाम दर्ज कराया जाना चाहिए,आयोग के निर्देशों का पालन करना अत्याधिक आवश्यक है क्योंकि उक्त नियमों का उल्लंघन किए जाने पर भारतीय निर्वाचन आयोग के उक्त नियमों के अनुसार बनाए गए फर्जी वोटर आईडी के बनवाने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होने की संभावना हो सकती है।
जिला झाबुआ से Aone morning news की पैनी नजर ।