Am Live News Bureau Report.
झाबुआ। फर्जी मार्कशीट की शिकायत के संबंध में अब तक की जांच में सामने आया की शिकायत के संबंधित दस्तावेजों को सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक पिपलिया के द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद से शासकीय स्कूल अभिलेख से परीक्षाफल आदि रजिस्टर कही छुपा दिए या शिकायत जांच संबंधित दस्तावेज को छेड़छाड़ कर नष्ट कर दिया गया।
जांच अधिकारियों के द्वारा यह स्पष्ट लिखा गया कि शिकायत दर्ज करने के बाद शिकायत जांच संबंधित दस्तावेजों को सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक द्वारा हटा दिया गया।
परंतु उक्त जांच अधिकारियों के द्वारा शिकायत जांच संबंधी दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए पंचनामा बना कर जांच प्रतिवेदन तैयार तो कर दिया गया परंतु आज दिनांक तक न शिकायतकर्ता के उक्त संबंध में कथन दर्ज कराए गए न ही विपक्षीगण के कथन दर्ज कराने हेतु सूचना पत्र दे कर उक्त शिकायत जांच के संबंध में कथन दर्ज करवाया जाना उचित समझा गया।
मामला जिला शिक्षा विभाग झाबुआ द्वारा फर्जी मार्कशीट बनाने एवं उक्त फर्जी मार्कशीट के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ में नौकरी पर नियुक्त होने का है। उक्त मामला जिला शिक्षा विभाग में महिला बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के मध्य होने के कारण आज तक आधिकारिक तौर पर आज तक उक्त संबध में कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं की गई निष्पक्ष जांच करने के बजाय दोनो विभाग एक दूजे पर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है।
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि- आरोपीगण को बचाने का भरपूर प्रयास किया जा कर जिला शिक्षा विभाग झाबुआ एवं महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ द्वारा अपनी- अपनी साख बचाने में लगे हुए ।
शिकायत जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित स्कॉलर पंजी आदि तथ्य के संबंध में तत्कालीन प्रभारी शिक्षक आदि से स्पष्टीकरण लिया जा कर, फर्जी मार्कशीट, एवं स्कॉलर पंजी आदि रिकॉर्ड में अंकित हैंडराइटिंग, हस्ताक्षर पद मुद्र की विधिवत् जांच कराई जाए जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि उक्त फर्जी मार्कशीट किन के द्वारा बनाई गई है।
चूंकि,- जांच अधिकारियों द्वारा विधिवत् शिकायत जांच को पूर्ण नहीं करते हुए आज तक आरोपीगण में फर्जी मार्कशीट बनाने का मास्टरमाइंड 1-राजू पिता अंदरू मंडोरिया, 2-सुरेंद्र सिंह चौहान सहायक शिक्षक पिपलिया, 3-छात्रा मोनिका , एवं महिला एवं बाल विकास विभाग जिला झाबुआ के द्वारा फर्जी मार्कशीट का बिना अवलोकन किये किन आधार पर नियुक्ति दी गई थी। तत्कालीन अधिकारी, कर्मचारियों से उक्त संबध में स्पष्टीकरण मांगा जा कर संबंधित के विरुद्ध भी कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उक्त जांच में शिकायत जांच अधिकारीगण के द्वारा आज दिनांक तक निष्पक्ष जांच नहीं की जा कर न शिकायत आवेदन के संलग्न प्रमाणित दस्तावेजों को शिकायत जांच में शामिल नहीं किया जाना, इस बात से स्वतः स्पष्ट होता है कि आरोपीगण को बचाने की कोशिश की जा रही है जिला प्रशासन से हम अपील करते हैं कि संबंधित के विरुद्ध सूक्ष्मता से जांच कर तत्काल निष्पक्ष कार्यवाही की जाए।