AM-LIVE NEWS MADHYA PRADESH
आज हम आप लोगों को ले चलते हैं जिला मुख्यालय झाबुआ से लगभग 7 से 8 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नरवालिया के ग्रोटो फलिया में जहां पर आप देख सकते हैं कि हमारे देश के राष्ट्रीय पक्षी दाना पानी के लिए तरस हो रहे हैं।
राष्ट्रीय पक्षी मोर
-दुनिया के सुंदर पक्षियों में से एक है मोर। इसके सिर पर मुकुट होने के कारण इसे पक्षी राज भी कहा जाता है।
-इसके सिर पर मुकुट के समान कलगी और रंगबिरंगी इंद्रधनुषी रंग होने से यह अति संदुर दिखाई पड़ता है।
मयूर परिवार में मोर एक नर है और मादा को मोरनी कहा जाता है।
-एक मोर औसतन 20 साल जिंदा रहते हैं।
-भारत सरकार ने 26 जनवरी 1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया था।
-इन्हें न केवल धार्मिक तौर पर बल्कि संसदीय कानून ‘भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972’ के तहत सुरक्षा प्रदान की गई है।
-इंडियन वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत मोर या किसी भी क्षी को मारने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है।

जिला प्रशासन को गांव गांव हमारे भारतीय राष्ट्रीय पक्षी मोर के प्रति ग्रामीणजन एवं किसानो को जागरूक किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि किसानों के द्वारा खरपतवार, कीटनाशक छिड़काव के दौरान मरने वाले कीड़े मकोड़े खाने से भी मोर एवं अन्य पक्षियों की मृत्यु हो सकती है।
झाबुआ से अल्बर्ट मंडोरिया की रिपोर्ट।